निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज के लिए अलग-अलग दर, सीएम ने बढ़ाई अधिसूचना की अवधि

निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज के लिए अलग-अलग दर, सीएम ने बढ़ाई अधिसूचना की अवधि

Tejinder Singh
Update: 2021-06-01 15:36 GMT
निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज के लिए अलग-अलग दर, सीएम ने बढ़ाई अधिसूचना की अवधि

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना बीमारी का इलाज कराने वाले मरीजों को राहत दी है। राज्य सरकार ने कोरोना के इलाज के लिए निजी अस्पतालों की दर तय करने वाली अधिसूचना की अवधि बढ़ा दी है।साथ ही छोटे-बड़े शहरों व ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों के लिए अलग-अलग रेट तय किए गए हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इससे संबंधी अधिसूचना को मंजूरी दी है। निजी अस्पतालों में दर निश्चित करने के लिए अ, ब, क समूह में शहरों और इलाकों को विभाजित किया गया है।इससे निजी अस्पताल कोरोना के मरीजों से निश्चित फीस के अलावा अधिक दर नहीं वसूल सकेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों और मनपा आयुक्तों को अधिसूचना को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं। कोरोना महामारी की दूसरी लहर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में दस्तक दे चुकी है। इसके मद्देनजर सरकार ने नागरिकों को राहत देने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है। राज्य में निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए 80 प्रतिशत बिस्तरों के लिए सरकार द्वारा निश्चित दर के अनुसार और शेष 20 प्रतिशत बिस्तर के लिए निजी अस्पतालों अपनी तरफ से तय दर वसूल सकते हैं। इस अधिसूचना की अवधि सोमवार को खत्म हो गई थी। अब सरकार ने इस अधिसूचना की अवधि को बढ़ाते हुए उसमें शहरों के वर्गीकरण के अनुसार दरों में संशोधन किया है।

पहले एक ही दर था

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि पहले की अधिसूचना में इलाज की दर बड़े शहरों के अस्पतालों और अतिसुदूर इलाकों के अस्पतालों में एक ही था। लेकिन अब शहरों के वर्गीकरण से मरीजों को राहत मिल सकेगी। इससे शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में कम खर्च में उपचार संभव हो पाएगा।राज्य स्वास्थ्य गारंटी योजना सोसायटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ सुधाकर शिंदे ने बताया कि अधिक दर वसूलने वाले अस्पतालों पर उड़न दस्ते के माध्यम दोबारा जांच और कार्रवाई करने के प्रावधान को अधिसूचना में कायम रखा गया है।

निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों से वसूले जाने वाली अधिकतम दर

वॉर्ड में नियमित आइसोलेशन (प्रति दिन):अ वर्ग शहरों के लिए 4000 रुपए, ब वर्ग शहरों के लिए 3000 और क वर्ग वाले शहरों के लिए 2400 रुपए दर निश्चित की गई है। इसमें मरीज की आवश्यक देखरेख, नर्सिंग, जांच, दवाई, बिस्तर खर्च और भोजन का समावेश है। कोरोना की जांच का खर्च निश्चित दर के अनुसार लेना पड़ेगा। इसमें केवल बड़े जांच व निरीक्षण और उच्च स्तर की बड़ी दवाइयों का समावेश नहीं किया गया है।

वेंटिलेटर सहित आईसीयू और आइसोलेशन

अ वर्ग के शहरों के लिए 9000 रुपए, ब वर्ग के शहरों के लिए 6700 रुपए और क वर्ग शहरों के लिए 5400 रुपए तय किए गए हैं।
केवल आईसीयू और आइसोलेशन
अ वर्ग के शहरों के लिए 7500 रुपए, ब वर्ग शहरों के लिए 5500 रुपए और क वर्ग शहरों के लिए 4500 रुपए फीस देनी होगी।

शहरों का वर्गीकरण

‘अ’ वर्ग शहरों में मुंबई और महानगर क्षेत्र (भिवंडी, वसई-विरार मनपा को छोड़कर), पुणे तथा पुणे मनपा क्षेत्र, नागपुर (नागपुर मनपा, दिगडोह, वाडी) शहर शामिल हैं।

ब वर्ग शहरों में औरंगाबाद, अमरावती, नाशिक, नांदेड, भिवंडी, सोलापुर, कोल्हापुर, वसई-विरार, मालेगाव, सांगली
शहर और सभी जिला मुख्यालय का समावेश है।

क वर्ग में अ और ब वर्ग के शहरों को छोड़कर बाकी अन्य शहरों को शामिल किया गया है।

 

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