स्टूडेंट्स की खोज में घर-घर घूमेंगे जिला पंचायत टीचर्स

स्टूडेंट्स की खोज में घर-घर घूमेंगे जिला पंचायत टीचर्स

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-03 05:38 GMT
स्टूडेंट्स की खोज में घर-घर घूमेंगे जिला पंचायत टीचर्स

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद स्कूलों में स्टूडेंट्स की लगातार कम हो रही संख्या को जिप के शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लेते हुए स्टूडेंट्स को खोजने के लिए टीचर्स को काम पर लगा दिया है, जिससे गर्मी की छुट्टियों का आनंद जिला परिषद के शिक्षक नहीं उठा पाएंगे। उन्हें इस अवधि में स्टूडेंट्स संख्या बढ़ाने के लिए घर-घर दौरे करने होंगे। जिला परिषद की स्कूलों में स्टूडेंट की संख्या बढ़ाने के लिए स्टूूडेंट खोज मुहिम का फरमान जिप अध्यक्ष निशा सावरकर ने  स्थाई समिति की बैठक में जारी किया है। 

इसलिए जरूरी है
शहर के बाद अब ग्रामीण क्षेत्र में भी अंग्रेजी स्कूलों ने दस्तक दे दी है। मराठी स्कूलों के प्रति पालकों का रुझान कम होने से जिला परिषद के स्कूलों का अस्तित्व खतरे में आ गया है। जिप स्कूलों की संख्या दिन-ब-दिन घट रही है। 

सरकारी और निजी स्कूलों के बीच गलाकाट स्पर्धा शुरू है। निजी स्कूलों में नौकरी बचाने के लिए शिक्षक स्टूडेंट्स को खोजते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं जिला परिषद स्कूलों में स्टूडेंट्स संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षकाें की ओर से किसी भी प्रकार के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। हालांकि सरकारी स्कूलों में सर्वशिक्षा अभियान के माध्यम से पोषण आहार, शालेय गणवेश तथा नि:शुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं। स्टूडेंट्स को घर से स्कूल जाने-आने के लिए शिक्षक अपनी जेब से खर्च कर इंतजाम कर रहे हैं। इसके बावजूद सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स संख्या बढ़ने का नाम नहीं ले रही है। इसे बढ़ाने के लिए यह फरमान जिप अध्यक्ष सावरकर ने जारी किया है।

शिक्षणाधिकारी को दिए निर्देश
ग्रामीण क्षेत्र में अंग्रेजी स्कूलों ने जाल फैलाया है। जिला परिषद स्कूलों के सामने यह बड़ी चुनौती है। इस चुनौती का सामना करने के लिए सभी जिप स्कूलों को पत्र भेजकर स्टूडेंट्स खोज मुहिम शुरू करने के जिप अध्यक्ष सावरकर ने जिला शिक्षणाधिकारी को निर्देश दिए।

3 वर्ष में 12 हजार स्टूडेंट घटे
शैक्षणिक सत्र 2015-2016 में जिला परिषद की पहली से आठवीं कक्षा की विद्यार्थी संख्या 84 हजार के पार थी। वर्ष 2018-19 में घटकर 72 हजार रह गई है। यानी पिछले तीन वर्ष में 12 हजार स्टूडेंट की संख्या घटी है। जानकारों का मानना है कि स्टूडेंट्स की घटती संख्या पर समय रहते रोक नहीं लगाए जाने पर जिप के शिक्षा विभाग को ताला लगाने की नौबत आ सकती है। 
 

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