शहरी परिवार कल्याण केन्द्रों के 50 कर्मियों को क्यों नहीं दे रहे वेतन , सचिवों को नोटिस 

शहरी परिवार कल्याण केन्द्रों के 50 कर्मियों को क्यों नहीं दे रहे वेतन , सचिवों को नोटिस 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-30 08:21 GMT
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डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने केन्द्र एवं राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिवों को नोटिस जारी कर पूछा है कि जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन में संचालित शहरी कल्याण केन्द्रों में कार्यरत 50 कर्मियों को वेतन का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है। केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने अनावेदकों को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 30 सितंबर को नियत की है। 

31 महीनों से वेतन नहीं मिल रहा 

निवाड़गंज जबलपुर निवासी गजानंद शुक्ला, चेरीताल निवासी सत्यनारायण नेमा सहित 35 कर्मियों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया कि फेमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अंतर्गत जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर में शहरी परिवार कल्याण केन्द्र और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अंतर्गत जबलपुर और उज्जैन में शहरी परिवार कल्याण केन्द्र संचालित किए जा रहे है। इन केन्द्रों में लगभग 50 कर्मचारी कार्यरत है। कर्मचारियों के वेतन का भुगतान वर्ष 1953 से शासन द्वारा स्वीकृत शत-प्रतिशत अनुदान से किया जा रहा है। जिसके सभी व्यय की प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के माध्यम से की जाती है। राज्य सरकार द्वारा अनुदान बजट स्वीकृत नहीं करने से जबलपुर और भोपाल के शहरी परिवार कल्याण केन्द्रों के कर्मियों को 9 महीनों से, ग्वालियर में 17 महीनों से और उज्जैन में 31 महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है। अधिवक्ता तान्या तिवारी ने तर्क दिया कि वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों के परिवार के सामने जीवनयापन का संकट उत्पन्न हो गया है। इस संबंध में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।याचिका की अगली सुनवाई 30 सितंबर को नियत की है। 

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