याचिका के हर पन्ने पर हो वकील के हस्ताक्षर और कोर्ट के अधिकारी का स्टाम्प

याचिका के हर पन्ने पर हो वकील के हस्ताक्षर और कोर्ट के अधिकारी का स्टाम्प

Tejinder Singh
Update: 2018-12-30 09:50 GMT
याचिका के हर पन्ने पर हो वकील के हस्ताक्षर और कोर्ट के अधिकारी का स्टाम्प

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि अदालत में दावे के रुप में पेश किए जाने वाले दस्तावेज के हर पन्ने में वकील के हस्ताक्षर व कोर्ट के अधिकारी का स्टाम्प अनिवार्य रुप से होना चाहिए। जस्टिस गौतम पटेल ने एक व्यावासिक दावे पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है। जस्टिस ने पाया कि मामले से जुड़ी याचिका का एक पन्ना प्रकरण से जुड़े पक्षकार को सूचना दिए बगैर ही बदल दिया गया। 

मामले से जुड़े प्रतिवादी ने जब जस्टिस को इसकी जानकारी दी तो उन्होंने इस बारे में हाईकोर्ट के प्रधान क्लर्क और वरिष्ठ अधिकारी से इस पर सफाई मांगी। जस्टिस ने पाया कि याचिकाकर्ता ने याचिका में उल्लेखित रकम की संख्या में फेरबदल किया है। याचिका में इस बदलाव को लेकर याचिकाकर्ता के वकील के दस्तखत तो थे पर इस पर नोटरी व कोर्ट के अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे।

इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए जस्टिस ने कहा कि इसे वकील की मामूली गलती के रुप में नहीं देखा जा सकता है यह न्यायिक प्रशासन व विभाग द्वारा तय की गई प्रक्रिया का मजाक है। जस्टिस ने कोर्ट के अधिकारियों को कहा कि जब तक कोर्ट का अधिकारी किसी बदलाव को पुष्ट नहीं करता है तब तक याचिका में किसी भी तरह के परिवर्तन की अनुमति न दी जाए। इसके अलावा जब याचिका में बदलाव किया जाता है तो उसमें स्पष्ट रुप से बदलाव की तारीख का उल्लेख किया जाए। उन्होंने कहा कि कोर्ट अधिकारी याचिका के हर पन्ने पर अपना स्टाम्प लगाए। 

 

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