फड़णवीस बोले-सेक्टर वाइज टास्क फोर्स करें तैयार, गरीब नहीं है महाराष्ट्र

फड़णवीस बोले-सेक्टर वाइज टास्क फोर्स करें तैयार, गरीब नहीं है महाराष्ट्र

Tejinder Singh
Update: 2020-05-12 16:34 GMT
फड़णवीस बोले-सेक्टर वाइज टास्क फोर्स करें तैयार, गरीब नहीं है महाराष्ट्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में प्रशासनिक कार्य में समन्वय का अभाव ठहराते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि संकट की स्थिति में सामान्य जनता के लिए निधि खर्च करने में कोई कमी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रमुख रहने के नाते वे जानते हैं कि रुपये कहां है और लोककल्याण के लिए उन्हें कैसे खर्च किया जा सकता है। कोरोना संकट की उपाययोजना के लिए सेक्टर वाइज फोर्स तैयार करने की आवश्यकता है। महाराष्ट्र गरीब राज्य नहीं है। राज्य सरकार के पीएलए अर्थात पब्लिक लेजर अकाउंट से निधि खर्च की जा सकती है। मंगलवार को फडणवीस ने शहर के समाचार पत्रों के संपादकों से झूम  संवाद किया। राज्य की आर्थिक व सामाजिक स्थिति पर चर्चा की। संपादकों से विविध स्थितियों पर सुझाव मांगे।

एक्सपायरी डेट नहीं

कोरोना संकट पर फडणवीस ने कहा कि सभी विषयों की एक्सपायरी डेट हो सकती है। लेकिन कोरोना की अंतिम तारीख नहीं दिख रही है। कोरोना के साथ रहना सीखना होगा। संकट के साथ जीने की नई तकनीकी विकसित की जा सकती है। अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए आर्थिक लेन देन को गति देना आवश्यक है। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि चौथ लाकडाऊन अंतिम होना चाहिए। संस्थाएं संकट में है। नौकरियों, व्यवसाय पर संकट है। सभी आर्थिक क्षेत्रों को मुख्य प्रवाह में लाने के लिए सेक्टर वाइज टास्क् फोर्स तैयार करके कोराना के संदर्भ में शिष्टाचार का नया नियम तैयार करना होगा। छोटी दुकानों को शुरु करना जरुरी है। शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्र में खतरे की ओर ध्यान देना होगा।

यह भी कहा

-समाचार पत्रों को आर्थिक आधार देने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पैकेज की सूचना दी है।

- नागपुर का प्रशासनिक बैलेंस नहीं दिख रहा है। आईसीएमआर होम क्वारंटाइन के लिए कह रहा है नागपुर में इसके उलट हो रहा है।

-. केंद्र सरकार कपास खरीदेगी। केंद्रीय वस्त्रोद़्योग मंत्री स्मृति इरानी ने चर्चा की है।

- श्रमिकों का स्थलांतर गंभीर है। राज्य में श्रमिक कब लौटेंगे यह निश्चित नहीं है।

- पुलिस थकने लगी है। ड्यूटी का बोझ है। सरकार ने होमगार्ड व अन्य पुलिस व्यवस्था का इस्तेमाल नहीं किया।

- उद्योग नीति बदलना आवश्यक है। नियम व शर्तें उद्योग पूरक होना चाहिए। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए श्रम नियमों में बदलाव में श्रम संरक्षण का भी ध्यान रखना आवश्यक है।

- विद्यार्थियों के भविष्य के लिए उपाययोजनाओं पर साफ निर्णय लेना होगा।

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