मुआवजा नहीं मिला तो टावर पर घंटों चढ़ा रहा किसान, लिखित आश्वासन के बाद उतरा

मुआवजा नहीं मिला तो टावर पर घंटों चढ़ा रहा किसान, लिखित आश्वासन के बाद उतरा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-06 09:19 GMT
मुआवजा नहीं मिला तो टावर पर घंटों चढ़ा रहा किसान, लिखित आश्वासन के बाद उतरा

डिजिटल डेस्क, सतना। रामनगर थाना अंतर्गत बटैया निवासी एक किसान ने पावर ग्रिड की मनमानी से परेशान होकर बुधवार को लगभग डेढ़ सौ फीट ऊंचे टावर में चढ़ गया। किसान बार-बार टावर से कूद जाने की धमकी दे रहा था। सुबह साढ़े 8 बजे से प्रारंभ हुआ यह नाटकीय ड्रामा दोपहर तकरीबन ढ़ाई बजे तक चला। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद पावर ग्रिड के अधिकारियों ने मुआवजा देने का लिखित आश्वासन दिया, तब जाकर किसान नीचे उतरा।

ये है मामला
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक किसान द्वारिका पटेल पिता रामचरण पटेल 30 वर्ष बटैया का रहने वाला है। उसकी तकरीबन 3 से 4 एकड़ जमीन है, जिसमें द्वारिका ने कुछ आम के पेड़ लगा रखे हैं। बाकी में खेती करता है। खेत में बोरिंग भी है। कृषक द्वारिका के मुताबिक पावर ग्रिड कंपनी द्वारा उसके जमीन में बगैर मुआवजा दिए जबरन टावर खड़ा किया जा रहा है। लगभग 10 दिन पहले किसान ने टावर लगाने का विरोध किया था, तब कंपनी ने 10 दिन में मुआवजा देने की बात कही थी। 10 दिन बीत जाने के बाद जब द्वारिका ने बैंक खाता चेक किया तो पैसा नहीं आया था। तब उसने पावर ग्रिड कंपनी के अधिकारियों से बात की वहां से जवाब मिला कि मुआवजा मिलने में अभी समय लगेगा। इस बात से नाराज होकर किसान ने यह कदम उठाया।

ढाई घंटे बाद पहुंची पुलिस
द्वारिका पटेल के टावर में चढ़ने और शोर-शराबा करने की जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को लगी, फौरन इसकी सूचना पुलिस को दी गई। बताया गया है कि 9 बजे सूचना दिए जाने के बाद भी पुलिस तकरीबन 11 बजे मौके पर पहुंची। पुलिस ने किसान को टावर से उतारने के तमाम प्रयास किए, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं था। इसकी जानकारी रामनगर एसडीएम एचके धुर्वे के साथ नायब तहसीलदार को भी दी गई। यह बात दीगर है कि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे।

पैसा मिलने के बाद शुरु होगा काम
प्रशासनिक अधिकारियों के मौके पर नहीं पहुंचने के बाद पुलिस ने पावर ग्रिड के अधिकारियों को बुलाया। बताया गया है कि कंपनी की ओर से एक अधिकारी मौके पर पहुंचा। पुलिस ने किसान को भरोसा दिलाया कि जब तक मुआवजा नहीं मिल जाएगा, कंपनी काम शुरू नहीं करेगी, लेकिन किसान लिखित आश्वासन की मांग पर अड़ गया। अंत में पावर ग्रिड के अधिकारियों ने मुआवजा देने का लिखित आश्वासन दिया, तब जाकर वह नीचे उतरा। द्वारिका पटेल के मुताबिक अगर निर्धारित समय पर मुआवजा नहीं दिया गया तो वह दोबारा टावर में चढ़कर जान दे देगा।

 

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