पिछड़े वर्ग विद्यार्थियों की फीस प्रतिपूर्ति मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

पिछड़े वर्ग विद्यार्थियों की फीस प्रतिपूर्ति मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

Tejinder Singh
Update: 2021-07-16 15:03 GMT
पिछड़े वर्ग विद्यार्थियों की फीस प्रतिपूर्ति मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने साल 2020-21 में पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों की फीस की प्रतिपूर्ति किए जाने का निर्देश दिए जाने की  मांग को लेकर दायर याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने यह जवाब नाशिक ग्रामीण शिक्षण प्रसारक मंडल  की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के  बाद  मांगा है। मंडल की ओर से कई गैर अनुदानित स्कूल व कालेज चलाए जा रहे है। जहां पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। जिनकी फीस की प्रतिपूर्ति  सरकार की ओर से की जाती है।

याचिका में दावा किया गया कि सरकार को पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों की फीस के रुप में 16 करोड़ 16 लाख 92 हजार 854 रुपए की राशि की प्रतिपूर्ति करनी है। जो अब तक नहीं की गई  है। 

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील की ओर से फीस की प्रतिपूर्ति से जुड़ी राशि को लेकर सवाल उठाए  ए और उसे विवादित बताया गया। इस पर खंडपीठ ने सरकार को फीस के भुगतान से जुडी राशि का सत्यापन करने को कहा और फीस के प्रतिपूर्ति के रुप में जो राशि सरकार की ओर से सही है उसे दो सप्ताह में कोर्ट में जमा करने को कहा। इसके  साथ ही सरकार को मामले में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

खंडपीठ ने कहा कि सरकार बताए कि याचिकाकर्ता को फीस की प्रतिपूर्ति के रुप में सरकार की ओर से कोर्ट में जमा की जानेवाली राशि को निकालने की अनुमति क्यों न दी जाए। खंडपीठ ने इस याचिका पर 6 अगस्त 2021 को सुनवाई रखी  है। 

 

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