वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पहला फैसला, पुलिस कर्मी पर प्राणघातक हमला करने वाले को 10 साल की सजा

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पहला फैसला, पुलिस कर्मी पर प्राणघातक हमला करने वाले को 10 साल की सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-03 08:51 GMT
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पहला फैसला, पुलिस कर्मी पर प्राणघातक हमला करने वाले को 10 साल की सजा

डिजिटल डेस्क जबलपुर। एक आपराधिक मामले में जिला सत्र न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पहला फैसला सुनाते हुए ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस कर्मी पर प्राणघातक हमला करने वाले आरोपी को दस साल की सजा सुनाई है। खास बात यह रही कि एडीजे गुलाब मिश्रा कोर्ट में थे और आरोपी जेल में। वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए कोर्ट ने पैरोकारों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाते हुए आरोपी पर तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अभियोजन के अनुसार 1 सितंबर 2018 को रद्दी चौकी पेट्रोल पंप के समीप गोहलपुर थाने में पदस्थ एएसआई लाल गजेन्द्र  कुशवाहा ड्यूटी पर था। उसी दौरान हनुमानताल निवासी अहफाज उर्फ भूरा ने गालीगलौज करते हुए उस पर तलवार से जानलेवा हमला किया, जिससे एएसआई को सिर व चेहरे पर चोटें आईं थीं। गंभीर हालत में पुलिस कर्मी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गोहलपुर पुलिस ने मामले को भादंवि की धारा 307 के तहत दर्ज करके कोर्ट में चालान पेश किया था। सुनवाई के बाद अदालत ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी को सजा सुनाई। शासन की ओर से एजीपी अरविंद जैन ने पैरवी की। हत्या के प्रयास के दो आरोपी बरी- इसी तरह गोहलपुर थाने में दर्ज हत्या के प्रयास के दूसरे मामले के दो आरोपियों को एडीजे पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने बरी कर दिया। आरोपी कमलेश कुमार बेदी और उसके पुत्र पीयूष पर 7 मार्च 2017 की देर रात को योगेन्द्र राजपूत उर्फ सोनू पर गोली चलाकर उसकी हत्या का प्रयास करने का आरोप था। सुनवाई के दौरान अदालत ने अभियोजन पक्ष की विसंगतियों के मद्देनजर दोनों आरोपियों को बरी कर दिया। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता श्याम विश्वकर्मा ने पैरवी की।


 

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