रीवा के गरीबों के अनाज को बाजार में बेच रहे खाद्य नियंत्रक

रीवा के गरीबों के अनाज को बाजार में बेच रहे खाद्य नियंत्रक

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-05 08:09 GMT
रीवा के गरीबों के अनाज को बाजार में बेच रहे खाद्य नियंत्रक

पत्र याचिका में लगे आरोप पर हाईकोर्ट ने जारी किए नोटिस, स्टेटस रिपोर्ट पेश करने सरकार को दिया समय
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
हाईकोर्ट ने रीवा के वाशिन्दों के उस पत्र की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में की है, जिसमें गरीबों को कम राशन देकर बाकी बचने वाले अनाज को खाद्य नियंत्रक द्वारा बाजार में बेचने के आरोप लगाए गए हैं। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने आरोपों को संजीदगी से लेते हुए मामले पर राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए लेटेस्ट रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।
रीवा के अधिवक्ता वैद्यनाथ सिंह ने संतोष साकेत व 19 अन्य की ओर से हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को एक पत्र भेजा था। पत्र में आरोप लगाया गया है
कि रीवा की राशन दुकानों में गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों को कम राशन दिया जाता है। आरोप है कि खाद्य नियंत्रक अपनी सुविधा के अनुसार जब जैसे चाहें, दुकानों को निलंबित कर देते हैं और उनका राशन नगर निगम सीमा के एक वार्ड से दूसरे वार्डों में ट्रांसफर कर देते हैं। इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से कई बार की गई, लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर यह पत्र चीफ जस्टिस को भेजा गया। पत्र में राहत चाही गई है रीवा में उपभोक्ताओं को राशन वितरण में की जा रहीं गड़बडिय़ों की जांच कराकर राशन वितरण का ब्यौरा लिया जाए। चीफ जस्टिस ने पत्र की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए थे। बुधवार को हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अजय गुप्ता हाजिर हुए। उन्होंने सरकार की ओर से नोटिस प्राप्त करते हुए स्टेटस रिपोर्ट पेश करने समय मांगा, जो युगलपीठ ने प्रदान करके सुनवाई 15 अप्रैल तक के लिए मुलतवी कर दी। 
 

Tags:    

Similar News