अब नहीं रही अटल-आडवाणी की भाजपा, झलका यशवंत सिन्हा का दर्द

अब नहीं रही अटल-आडवाणी की भाजपा, झलका यशवंत सिन्हा का दर्द

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-11 08:24 GMT
अब नहीं रही अटल-आडवाणी की भाजपा, झलका यशवंत सिन्हा का दर्द

डिजिटल डेस्क जबलपुर। नगर प्रवास पर आए वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने चर्चा के दौरान कहा कि वर्तमान भाजपा की नीति और नीयत में काफी बदलाव आ गया है। पार्टी की नीतियों से व्यथित सिन्हा का दर्द झलका और उन्होंने कहा कि अब भाजपा अटल-आडवाणी वाली भाजपा नहीं रही है। पहले एक साधारण कार्यकर्ता बड़ी आसानी से अपने नेताओं से मिल कर अपनी बात कह सकता था, लेकिन अब पार्टी के भीतर वरिष्ठ नेताओं की बात अनसुनी की जा रही है। उधर उनके प्रवास के दौरान भाजपा नेता कहीं नजर नहीं आए और उनके कार्यक्रमों से दूरियां बनाए रखी।
चर्चा के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर कहा कि जब हम विपक्ष में थे, तो जीएसटी व एफडीआई जैसे मुद््दों का  जमकर विरोध करते थे, लेकिन उनके सत्ता में आते ही भाजपा सरकार ने उन सभी मुद््दों को लागू कर दिया है। उनका कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा जो जीएसटी लागू किया है उसका ढांचा पूरी तरह गलत था, जीएसटी जिस तरह से लागू किया गया वह भी गलत था उसे लागू करने की प्रक्रिया गलत थी और जीएसटी ए से लेकर जेड तक पूरी तरह गलत थी। इसी तरह एफडीआई को लेकर भाजपा ने दस वर्ष तक विरोध किया और सत्ता में आते ही उसे लागू कर दिया। उन्होंने इस मुद््दे पर अपना पक्ष रखने के लिए 13 माह पूर्व पीएम मोदी से समय मांगा था जो कि आज तक नहीं मिला।
चुनाव की विश्वसनीयता कायम रहे
 ईवीएम को हैक किए जाने के सवाल पर उनका कहना था कि मेरी राय में अगर इस तरह के आरोप लगते हैं तो चुनाव आयोग को चाहिए की वह आरोपों को गंभीरता से ले और  चुनाव की विश्वसनीयता कायम रखने के लिए कदम उठाए।
कश्मीर मुद््दे पर जताई चिंता - उन्होंने कहा कि कश्मीर में पहले भी आतंकी हमले होते रहे हैं, लेकिन यह पहला मौका होगा जब कश्मीरी आतंकवादियों ने बीएसएफ कैंप पर हमला किया है यह स्थिति चिंताजनक है, इस पर सरकार को कड़े निर्णय लेने होंगे।
प्रदेश सरकार को घेरा  -उनका कहना था कि वे किसानों के आमंत्रण पर आये हैं और उनकी प्रदेश सरकार से यह मांग है कि सरकार एनटीपीसी में किसान परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे, गन्ना किसानों को उचित दाम मिले और उनके घाटे की भरपाई सरकार करे, फसल बीमा योजना को सुगम बनाया जाए एवं किसान की कुल पैदावार को सरकार खरीदे और नुकसान की भरपाई करे।
प्रदेश सरकार किसान विरोधी:कक्काजी
चर्चा के दौरान किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने कहा कि प्रदेश की पुनर्वास नीति किसान व मजदूर विरोधी है और यह उद्योगपतियों के हित को ध्यान में रखकर बनाई गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लागू की गई भावांतर योजना किसानों के शोषण के लिए लागू की गई है। प्रदेश के किसान 15 सालों से अन्याय झेल रहे हैं,   फसल बीमा योजना किसानों के हक पर डाका डालने के लिए लागू की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मंडी कानून का पालन नहीं किया जा रहा है और प्रदेश के किसानों को अपनी फसल न्यूनतम मूल्य से कम दाम पर बेचना पड़ रही है। उन्होंने कहा कि मंडी कानून के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों के साथ जो अन्याय व शोषण किया जा रहा है वह आगामी विस व लोस चुनाव में केंद्र सरकार को महंगा पड़ेगा। सवाल सरकार की नीयत का है: शास्त्री
चर्चा के दौरान पूर्व कृषि मंत्री सोमनाथ शास्त्री ने भी किसान के हक में आवाज बुलंद करते हुए कहा कि वर्तमान में केंद्र व प्रदेश सरकार कुछ चुनिंदा लोगों के लिए नीतियां बना रहीं हैं। देश के 2 प्रतिशत लोगों को खुश करने के लिए सरकार 62 प्रतिशत को भूल जाती है यह सरकार की नीयत को उजागर करती है। उन्होंने यशवंत सिन्हा द्वारा उठाए गये मुद््दों का समर्थन करते हुए कहा कि वर्तमान में हाल निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि वह पूर्व में प्रदेश में योजना आयोग में रहे और प्रदेश की स्थिति से अच्छी तरह से वाकिफ हैं, यहां की सरकार भ्रष्ट अधिकारियों की बंधक बनी हुई है।  

 

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