गणेशोत्सव में इस बार ऐतिहासिक मंदिरों के दर्शन के साथ होगा इको फ्रेंडली डेकोरेशन

गणेशोत्सव में इस बार ऐतिहासिक मंदिरों के दर्शन के साथ होगा इको फ्रेंडली डेकोरेशन

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-12 10:01 GMT
गणेशोत्सव में इस बार ऐतिहासिक मंदिरों के दर्शन के साथ होगा इको फ्रेंडली डेकोरेशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गणराज के आगमन को एक दिन शेष रह गया है। विभिन्न गणेश पंडालों में गणेश उत्सव की तैयारी जोराें पर है। गणेश पंडालों पर अलग-अलग थीम पर डेकोरेशन किया जा रहा है। कोई पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए डेकोरेशन कर रहा है तो किसी ने ऐतिहािसक मंदिर बनाया है। साथ ही शहर में चर्चित मेट्रो की थीम पर भी डेकोरशन किया जा रहा है। इसके साथ गणेश पंडालों में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ तथा स्वच्छता का संदेश देने के लिए पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं। गणेश मंडलों द्वारा देश की प्रसिद्ध जगहों को थीम डेकोरेशन कर शहर में दिखाया जा रहा है। 

दूर्वा से होगा डेकोरेशन
श्री अष्टविनायक बहुउद्देशीय संस्था धंतोली के अध्यक्ष मुन्ना जायसवाल ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए गणपति का पूरा डेकोरेशन इको-फ्रेंडली किया जा रहा है। डेकोरेशन के लिए थर्माकोल का यूज नहीं किया गया है। 40 बाय 60 के हॉल में वुड से आर्टिफिशल दूर्वा बनाई गई है। जिससे चारों ओर हरियाली नजर आएगी। शहर के कारीगर नरेंद्र खवले ने कृष्णमय थीम भी बनाई है, जिसमें हॉल में द्वारका नगरी, गोकुल का दृश्य भी दिखाया गया है। गणपति की मूर्ति के अलावा पूरे पंडाल में अलग-अलग भगवान की 24 मूर्तियां हैं। शहर में गणपति उत्सव के अवसर पर शहरवासी कुछ नया देखना चाहते हैं। इसमें सालासर के हनुमान भी आकर्षण का केंद्र होंगे। उन्होंने आगे बताया कि गणेश उत्सव में दान पेटी में जो भी राशि एकत्र होगी उसे कलेक्टर के सुपुर्द कर दिया जाएगा, ताकि केरल में बाढ़ पीड़ितों को पहुंचाई जा सके। 

दक्षिणेश्वर काली माता शहर में 
कोलकाता का प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर कालीमाता का थीम डेकोरेशन नेताजी मार्केट बर्डी में किया जा रहा है। श्री बालगणेश उत्सव मंडल के अध्यक्ष राजेश यादव ने बताया कि मंडल द्वारा शहर की जनता को हमेशा कुछ नया किया जाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस बार कोलकाता का प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर कालीमाता मंदिर बनाया जा रहा है। साथ ही इसमें बारह शिवलिंग भी विशेष रूप से होंगे। मंदिर की सजावट के लिए थर्माको ल का यूज नहीं किया गया है। गणपति की मूर्ति के अलावा कृष्णा, शिवजी और काली माता के दर्शन का अवसर श्रद्धालुओं को मिलेगा। 

उज्जैन के पंडित करेंगे स्थापना
श्री संती गणेशोत्सव वा सांस्कृतिक मंडल, इतवारी के कार्याध्यक्ष सचिन साउरकर के अनुसार इस बार गणेश मंडल का 61वां वर्ष है। जिस तरह हमारे घरों में किसी की आयु के 60 वर्ष पूर्ण होने पर भव्य आयोजन किया जाता है उसी अनुसार गणेश मंडल के 60 वर्ष पूर्ण होने पर उज्जैन का प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर बनाया जा रहा है। प्रतिवर्ष गणेश मंडल में गणपति उत्सव पर लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस बार उनके लिए उज्जैन का महाकाल मंदिर विशेष होगा। गणपति की स्थापना व महाकाल की मंदिर की तरह भस्म आरती पंडितों द्वारा की जाएगी। महाकाल मंदिर की हुबहु प्रति देखकर श्रद्धालु शहर में ही महाकाल के दर्शन कर पाएंगे। 

महात्मा फुले का फेटा, परिधान में होंगे गणराज विराजमान
हिलटॉप में एकता गणेश मंडल द्वारा 151 फीट राष्ट्रपति भवन की प्रतिकृति बनाकर महात्मा फुले का फेटा, परिधान पहनाकर गणराज को विराजमान किया जाएगा। जिसमें शहरवासियों को सबसे ऊंचे गणपति के दर्शन करने का अवसर प्राप्त होगा। यह जानकारी एकता गणेश उत्सव मंडल के मुख्य संयाेजक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता आमदार प्रकाश गजभिए ने दी।

उन्होंने आगे बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी हिलटॉप में आकर्षक स्थल का निर्माण किया गया है। जिसमें मुंबई के लालबाग से लाई हुई सात आकर्षक गणेश मूर्ति में विष्णु रूप में गणपति, माता सरस्वती रूप में, नाग रूप में, वाघ पर सवार गणपति, मूषक सवार, ब्रम्हा, विष्णु, महेश रूप में, शंकर भगवान रूप में गणपति का समावेश होगा। साथ ही साथ हुबहु दिखने वाली हाथी, घोड़े, वाघ आदि की  प्रतिमा आकर्षण का केंद्र होंगी।

हिलटॉप में एकता गणेश मंडल द्वारा 151 फीट राष्ट्रपति भवन की प्रतिकृति बनाकर महात्मा फुले का फेटा, परिधान पहनाकर गणराज को विराजमान किया जाएगा। जिसमें शहरवासियों को सबसे ऊंचे गणपति के दर्शन करने का अवसर प्राप्त होगा। यह जानकारी एकता गणेश उत्सव मंडल के मुख्य संयाेजक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता आमदार प्रकाश गजभिए ने दी।

उन्होंने आगे बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी हिलटॉप में आकर्षक स्थल का निर्माण किया गया है। जिसमें मुंबई के लालबाग से लाई हुई सात आकर्षक गणेश मूर्ति में विष्णु रूप में गणपति, माता सरस्वती रूप में, नाग रूप में, वाघ पर सवार गणपति, मूषक सवार, ब्रम्हा, विष्णु, महेश रूप में, शंकर भगवान रूप में गणपति का समावेश होगा। साथ ही साथ हुबहु दिखने वाली हाथी, घोड़े, वाघ आदि की  प्रतिमा आकर्षण का केंद्र होंगी।
 

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