मराठा आरक्षण के तहत हुई नियुक्तियों के लिए बढ़ी समय सीमा

मराठा आरक्षण के तहत हुई नियुक्तियों के लिए बढ़ी समय सीमा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-08 17:22 GMT
मराठा आरक्षण के तहत हुई नियुक्तियों के लिए बढ़ी समय सीमा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मराठा समुदाय के लिए आरक्षित 16 प्रतिशत पदों पर की गई नियुक्ति को और 11 महीने जारी रखने की अनुमति दे दी है। अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर राज्य सरकार ने 31 अक्टूबर को हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश मंजूला चिल्लूर की खंडपीठ के सामने आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी ने कहा कि अभी मराठा आरक्षण के मुद्दे पर फैसला आने में समय लगेगा। इसके अलावा राज्य पिछड़ा आयोग के नए चेयरमैन की नियुक्ति प्रक्रिया भी जारी है। ऐसे में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर अंतिम निर्णय आने में देरी होगी। इस स्थिति में यदि नियुक्त की समय सीमा को बढाया नहीं गया, तो परेशानी होगी। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने सरकार को मराठा आरक्षण के तहत की गई नियुक्तियों को 11 महीने के लिए बढाने की अनुमति दी।

हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई
कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस की सरकार ने अपने एक निर्णय के तहत मराठा समुदाय को नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में 16 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया था। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता केतन तिरोडकर और अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका में आरक्षण को असंवैधानिक बताया गया था। इस याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मराठा आरक्षण पर रोक लगा दी थी।

सीमा बढ़ाने की अनुमति
सुनवाई के दौरान सरकार ने हाईकोर्ट से निवेदन किया था 16 प्रतिशत पदों को रिक्त रखने की बजाय इन पदों पर अंशकालिक समय के लिए ठेके पर नियुक्ति की अनुमति दी जाए। अदालत ने सरकार को नियुक्ति की अनुमति दे दी थी। जिसके तहत सरकार ने 16 प्रतिशत पदो पर सामान्य वर्ग के लोगों की मैरिट के आधार पर अंशकालिक नियुक्त की थी। अब इसकी समय सीमा बढ़ाने की अनुमति दी है।

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