RSS के पंजीयन से जुड़ी याचिका की सुनवाई पूरी, सहायक धर्मादाय आयुक्त ने ठुकराई थी अर्जी

RSS के पंजीयन से जुड़ी याचिका की सुनवाई पूरी, सहायक धर्मादाय आयुक्त ने ठुकराई थी अर्जी

Tejinder Singh
Update: 2019-01-16 12:48 GMT
RSS के पंजीयन से जुड़ी याचिका की सुनवाई पूरी, सहायक धर्मादाय आयुक्त ने ठुकराई थी अर्जी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में पूर्व नगरसेवक जनार्दन मून ने अपने संस्थान को आरएसएस नाम से पंजीकृत कराने के लिए रिट याचिका दायर की है। पिछले वर्ष सहायक धर्मादाय आयुक्त ने मून की ऐसी ही एक अर्जी ठुकरा दी थी, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने सभी पक्षों का सुना। सभी पक्षों का युक्तिवाद पूरा होने के बाद कोर्ट ने अब अगली तारीख पर फैसला सुनाने की तैयारी की है।

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता की दलील है कि सहायक धर्मादाय आयुक्त के फैसले में सोसायटी रजिस्ट्रेशन के कुछ नियमों के साथ ही "राष्ट्रीय" शब्द के उपयोग पर प्रतिबंध की बात से वे सहमत नहीं हैं। उनके अनुसार प्रदेश सरकार ने अपने सर्कुलर में "भारतीय" शब्द के प्रयोग पर रोक लगाई है, न की "राष्ट्रीय" शब्द पर। याचिकाकर्ता की ओर से एड. अश्विन इंगोले ने पक्ष रखा।

इसलिए अर्जी हुई थी खारिज
अपनी संस्था का नाम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के रूप में पंजीकृत कराने के लिए याचिकाकर्ता  ने 26 जुलाई 2017 को धर्मादाय आयुक्त कार्यालय में आवेदन किया था। मामले में अधिवक्ता राजेंद्र गुंडलवार व एम. अभ्यंकर ने विरोध कर दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम पर चंद्रपुर में संस्था पहले से ही पंजीकृत है। अन्य दो नागरिकों की आपत्ति के साथ अधिवक्ता अभ्यंकर ने मून के आवेदन का विरोध किया। अभ्यंकर ने कहा कि राष्ट्रीय नाम से धर्मादाय आयुक्तालय किसी संस्था को पंजीयन नहीं देता है। संस्था को भारत सरकार ने मंजूरी दी है। इस मामले में धर्मादाय आयुक्त कार्यालय सभी पक्ष को सुनकर जनार्दन मून की अर्जी को ठुकरा दिया था, जिसके बाद अब मामला हाइकोर्ट में है।
 

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