फडणवीस विधायकी मामला : CBI, चुनाव आयोग और गृह विभाग को भी प्रतिवादी बनाने की मांग 

फडणवीस विधायकी मामला : CBI, चुनाव आयोग और गृह विभाग को भी प्रतिवादी बनाने की मांग 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-14 06:55 GMT
फडणवीस विधायकी मामला : CBI, चुनाव आयोग और गृह विभाग को भी प्रतिवादी बनाने की मांग 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की विधायकी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में एड. सतीश उके द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। उके ने चुनाव आयोग, सीबीआई और राज्य गृह विभाग को प्रतिवादी बनाने की विनती की है। दरअसल, चुनाव आयोग ने इस प्रकरण में वरिष्ठ अधिवक्ता सुबोध धर्माधिकारी को अपना विशेष वकील नियुक्त किया है। उके ने इस नियुक्ति पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि चूंकि धर्माधिकारी इसके पहले निचली अदालत में फडणवीस के खिलाफ दायर दो फौजदारी प्रकरणों में उनके वकील के तौर पर पैरवी कर चुके हैं, इसलिए यह नियुक्ति सही नहीं।

उके ने इसे बड़ी गड़बड़ी बताते हुए चुनाव आयोग, सीबीआई और राज्य गृह विभाग को इस प्रकरण में प्रतिवादी बनाने की प्रार्थना की है। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। चुनाव आयोग की ओर से एड. नीरजा चौबे कामकाज देख रही हैं।

शपथ-पत्र में झूठी जानकारी देने का आरोप
याचिकाकर्ता ने फडणवीस पर वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों के दौरान शपथ-पत्र में झूठी जानकारी देकर मतदाताओं को गुमराह करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मध्यस्थी अर्जी दायर कर उनका पक्ष सुने बगैर कोई भी आदेश पारित नहीं करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की है। फडणवीस ने यथायोग्य राहत प्रदान की विनती की है।

यह है प्रकरण
देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ 4 मार्च 1996 और 9 जुलाई 1998 को दो फौजदारी अपराध दायर किए गए थे। दोनों अपराधों में फडणवीस ने प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी न्यायालय से 3 हजार के निजी मुचलके पर जमानत ली थी। वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने भाजपा की ओर से दक्षिण-पश्चिम नागपुर विधानसभा से पर्चा भरा। आवेदन में उन्होंने दोनों मामलों की जानकारी नहीं दी। याचिकाकर्ता सतीश उके के अनुसार, विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी का आवेदन भरते समय फडणवीस ने अपने ऊपर लगे दो अापराधिक मामलों की जानकारी छिपाई। उके ने मुद्दा उठाया कि फडणवीस ने जनता से झूठ बोल कर चुनाव जीता है।

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