नेताओं ने खेती कभी की नहीं, बन गए करोड़पति किसान

नेताओं ने खेती कभी की नहीं, बन गए करोड़पति किसान

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-10 06:35 GMT
नेताओं ने खेती कभी की नहीं, बन गए करोड़पति किसान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बिना खेती किए विदर्भ के कई नेता करोड़पति किसान बन गए। यह सचाई नेताओं द्वारा भरे गये शपथपत्र में सामने आई है। वैसे तो विदर्भ के किसान खेती में लगातार हो रहे नुकसान से परेशान हैं, लेकिन नेताओं के लिए खेती फायदे का काम है। इसके जरिये वे करोड़पति किसान बन गए। लोकसभा चुनाव 2019 में विदर्भ से मैदान में उतरे उम्मीदवारों के द्वारा चुनाव आयोग को प्रदान किए गए शपथ-पत्र के अनुसार 35 फीसदी उम्मीदवारों ने खुद को किसान बताया है। 

कोई कृषि भूमि नहीं, पर हैं किसान
भले ही विदर्भ किसानों की आत्महत्या के लिए कुख्यात हो। सामान्य किसान पचास से साठ हजार का कर्ज नहीं चुका पाने पर आए दिन खुदकुशी तक कर लेते हैं। चुनाव मैदान में उतरे इन किसान प्रत्याशियों की कृषि से आय करोड़ों में है। यही नहीं, उनके द्वारा घोषित संपत्ति में लग्जरी कारें, आभूषण और बैंकों में लाखों रुपए भी हैं। नागपुर से युति के उम्मीदवार और भाजपा नेता नितीन गडकरी ने शपथ-पत्र में कृषि को अपना मुख्य व्यवसाय बताया है। शपथ-पत्र के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 18 करोड़ रुपए है। हालांकि गडकरी के नाम से कोई कृषि भूमि नहीं है। उनके खिलाफ मैदान में आघाड़ी के उम्मीदवार और कांग्रेस नेता नाना पटोले भी किसान हैं, उन्होंने कुल संपत्ति 2.2 करोड़ रुपए बताई है। चंद्रपुर से युति के उम्मीदवार और भाजपा नेता हंसराज अहिर ने भी खुद को किसान बताया है। 

पहले चरण के चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के सभी उम्मीदवार करोड़पति
महाराष्ट्र के विदर्भ में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 115 उम्मीदवारों में से कांग्रेस के सभी 6 और भाजपा सभी 5 उम्मीदवार करोड़पति हैं। 114 उम्मीदवारों में 19 उम्मीदवारो के खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज हैं। इनमें से 10 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर अपराध दर्ज हैं। वहीं, चुनाव लड़ रहे 11 उम्मीदवारों ने आय का कोई स्रोत नहीं बताया है, जबकि 48 उम्मीवारों ने इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है। पहले चरण में सात सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान होने वाले हैं। उम्मीदवारों की ओर दिए गए शपथ-पत्रों के अनुसार सर्वाधिक आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाड़ी के 7 में से 2, कांग्रेस के 6 में से 2, भाजपा के 5 में से 2 और शिवसेना के 2 में से 1 उम्मीदवार के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। पहले चरण में विदर्भ की सात सीटों वर्धा, रामटेक, नागपुर, भंडारा-गोंदिया, गड़चिरोली-चिमूर, चंद्रपुर और यवतमाल-वाशिम में 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। 

इसलिए बनते हैं किसान
विशेषज्ञों के अनुसार, कृषि आय पर आयकर की छूट, अन्य व्यवसाय या उद्योग की तरह कई तरह के रिकॉर्ड रखने की जरूरत नहीं होती। नेताओं का खुद को किसान बताया जाने का इसका सबसे बड़ा कारण है। इसके साथ ही भारत जैसे कृषि आधारित देश में किसान होना मतदाताओं से सीधे-सीधे कनेक्ट होने के लिए भी लाभप्रद है। देश में किसान मतदाताओं की संख्या भी काफी अधिक है। किसानों को लगता है कि किसान नेता उनकी समस्याओं काे बेहतर समझ पाएंगे। 

उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति  ढाई करोड़ रुपए से अधिक
पहले चरण के चुनाव में विदर्भ से किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति ढाई करोड़ रुपए से अधिक है। इनमें 10 सबसे धनी उम्मीदवारों में ये हैं
1. सुनील मेंढे- भाजपा (भंडारा-गोंदिया)    62.75(करोड़ में) 
2. नितीन गडकरी- भाजपा(नागपुर)    18.79 
3. परशुराम आडे- निर्दलीय (यवतमाल-वाशिम)    18.73
4. सुरेश धानोरकर- कांग्रेस (चंद्रपुर)    13.74  
5. चारूलता टोकस- कांग्रेस (वर्धा)    13.61  
6. शैलेशकुमार अग्रवाल- भाजपा (वर्धा)    13.51  
7. धनराज वंजारी- वंचित आघाड़ी (वर्धा)    9.76 
8. भावना गवली- शिवसेना (यवतमाल-वाशिम)    9.68 
9. कृपाल तुमाणे- शिवसेना (रामटेक)    8.85 
10. सुरेश माने- बीआरएसपी (नागपुर)    8.45 
 

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