आयुध निर्माणियों के प्रस्तावित निजीकरण को हाईकोर्ट में चुनौती, सुनवाई 11 सितंबर को 

आयुध निर्माणियों के प्रस्तावित निजीकरण को हाईकोर्ट में चुनौती, सुनवाई 11 सितंबर को 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-27 08:32 GMT
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डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट में केन्द्र सरकार द्वारा जबलपुर सहित देश की 41 आयुध निर्माणियों प्रस्तावित निजीकरण को चुनौती दी गई है। सोमवार को यह मामला एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ में लगा था, लेकिन प्रकरण का नंबर नहीं आ पाया। जनहित याचिका की अगली सुनवाई 11 सितंबर को नियत की गई है।

मौजूदा समय में पाकिस्तान और चीन के साथ तनाव का माहौल 

संजीवनी नगर निवासी अधिवक्ता विजय कुमार शुक्ला की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि देश में सेना के लिए गोला-बारूद, तोप, टैंक और युद्द्धक वाहन बनाने के लिए 41 आयुध निर्माणियां है। इनमें से आयुध निर्माणी खमरिया, गन कैरेज फैक्ट्री जीसीएफ, व्हीकल फैक्ट्री और ग्रे आयरन फाउंड्री जबलपुर में है। देश भर में एक लाख और जबलपुर में 15 हजार कर्मचारी कार्यरत है। देश की आजादी के बाद हुए युद्द्धों में सेना को गोला-बारूद और अन्य रक्षा सामग्री की आपूर्ति में आयुध निर्माणियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। वर्ष 1999 में हुए करगिल युद्द्ध में भी आयुध निर्माणियों ने समय पर सेना को गोला-बारूद सप्लाई कर अपनी भूमिका का निर्वहन किया था। मौजूदा समय में पाकिस्तान और चीन के साथ तनाव का माहौल बना हुआ है। ऐसे में केन्द्र सरकार आयुध निर्माणियों का निजीकरण करने जा रही है। याचिका में आयुध निर्माणियों की निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने की मांग की गई। सोमवार को जनहित याचिका का नंबर सुनवाई के लिए नहीं आ पाया। जनहित याचिका की अगली सुनवाई 11 सितंबर को नियत की गई है।

हाईकोर्ट ने पूछा- भोपाल में खुली जगह पर क्यों एकत्रित किया जा रहा कचरा 

हाईकोर्ट ने राज्य शासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और भोपाल कलेक्टर को नोटिस जारी कर पूछा है कि भोपाल नगर निगम द्वारा रायसेन रोड स्स्थित पड़रिया कोलुआ खुर्द गांव में खुली जगह पर क्यों कचरा एकत्रित किया जा रहा है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने अनावेदको को 6 सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। 

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