हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य से पूछा- अवैध होर्डिंग्स पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई 

हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य से पूछा- अवैध होर्डिंग्स पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-23 07:40 GMT
हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य से पूछा- अवैध होर्डिंग्स पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई 

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य से पूछा है कि प्रदेश भर में अवैध होर्डिंग्स,बैनर और पोस्टर के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस अंजुली पालो की युगल पीठ ने यह नोटिस हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर दायर अवमानना याचिका में दिया है। अनावेदकों को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया गया है। 

प्रमुख चौराहो,सड़क के किनारे, फुटपाथ और डिवाइडर के ऊपर होर्डिंग्स लगाने की अनुमति दी 

संजीवनी नगर निवासी विनोद सिसोदिया की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई है। अवमानना याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 में सतीश कुमार वर्मा विरूद्द्ध राज्य शासन के मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव ने अंडरटेकिंग दी थी कि प्रदेश भर में अवैध होर्डिंग्स,बैनर और पोस्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अवमानना याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने दो साल पहले मप्र आउटडोर एडवरटाइजमेन्ट मीडिया रूल्स 2017 को लागू कर दिया है। इस रूल्स के अनुसार चौराहों, सड़क के िकनारे, फुटपाथ और डिवाइडर के बीच में होर्डिंग्स, बैनर और पोस्टर लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके बाद भी प्रदेश भर में नगर निगमों द्वारा प्रमुख चौराहो,सड़क के किनारे, फुटपाथ और डिवाइडर के ऊपर होर्डिंग्स लगाने की अनुमति दी जा रही है। अधिवक्ता सतीश वर्मा ने तर्क दिया कि यह मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 116 (4) का उल्लघंन है। इसके साथ ही इंडियर रोड कांग्रेस की गाइड लाइन (46) 1972 के भी खिलाफ है। इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई थी। जनहित याचिका का निराकरण करते हुए हाईकोर्ट ने 5 अप्रैल 2019 को अवैध होर्डिंग्स के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अनावेदकों को अभ्यावेदन देने का निर्देश दिया था। अभ्यावेदन दिए जाने के बाद भी अवैध होर्डिंग्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद अवमानना याचिका दायर की गई।

इन्हें जारी हुए नोटिस 

हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव एसआर मोहंती, डीजीपी वीके सिंह, नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे, पश्चिम मध्य रेलवे के जीएम अजय विजयवर्गीय, जबलपुर कलेक्टर भारत यादव, एसपी अमित सिंह, जबलपुर नगर निगम आयुक्त आशीष कुमार और केन्ट सीईओ सुब्रत पॉल को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।

मास्टर प्लान के अनुसार चौड़ी नहीं हुई सड़कें 

अवमानना याचिका में कहा गया कि राज्य शासन ने मास्टर प्लान के अनुसार सड़कों को चौड़ा नहीं किया है। सड़कों के डिवाइडर पर पौधारोपण भी नहीं किया है। याचिका में राहत चाही गई है कि राज्य सरकार को मास्टर प्लान के अनुसार सड़कों को चौड़ा करने और डिवाइडर पर पौधारोपण करने के निर्देश दिए जाए। 

चुनाव के दौरान भी नहीं हुई कार्रवाई 

अवमानना याचिका में कहा गया कि चुनाव के दौरान सड़कों पर अवैध रूप से होर्डिंग्स, बैनर और पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए थे। हाल ही हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान किसी के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की गई है।
 

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