हाईकोर्ट : परीक्षाएं रद्द करने विश्वविद्यालय से मांगा जवाब

हाईकोर्ट : परीक्षाएं रद्द करने विश्वविद्यालय से मांगा जवाब

Tejinder Singh
Update: 2020-03-16 12:17 GMT
हाईकोर्ट : परीक्षाएं रद्द करने विश्वविद्यालय से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना वायरस को देखते हुए विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं भी टाली जाए। इसको लेकर बांबे हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। अदालत ने इस संबंध में मुंबई विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है। इस दौरान कोर्ट को बताया गया कि मुंबई विश्वविद्यालय में आगामी 23 मार्च से परीक्षाएं शुरु होनेवाली है। जबकि राज्य सरकार ने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए 14 मार्च को अधिसूचना जारी कर सभी सरकारी व निजी स्कूलों तथा महाविद्यालयों को 31 मार्च तक बंद करने का निर्देश दिया है। ऐसे में जब विश्वविद्यालय में परीक्षाएं होगी तो काफी संख्या में विद्यार्थी इकट्ठा होंगे। अधिसूचना में कक्षा दसवीं व 12 वीं की परीक्षाएं अपने तय समय के हिसाब से शुरु रखने को कहा है। 

हाईकोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता सागर जोधले की याचिका व सिध्दार्थ इंगले की ओर से दायर किए गए आवेदन पर सुनवाई चल रही है। शुक्रवार को यह याचिका कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश बीपी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान इंगले की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता जमसेद मिस्त्री ने कहा कि 23 मार्च से विश्वविद्यालय की परीक्षाएं शुरु हो रही है। जिसमें लाखों की संख्या में विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं। इसलिए विश्वविद्यालय को इन विद्यार्थियों की सुरक्षा का जिम्मा उठाना चाहिए। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने मुंबई विश्वविद्यालय को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा। खंडपीठ अब मामले की सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी। 

इससे पहले सरकारी वकील पीपी काकडे ने खंडपीठ के सामने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की ओर से कई ठोस कदम उठाए गए हैं। जिसके तहत सिनेमाघर, नाट्यगृह, जिम, स्विमिंग पुल व स्कूलों कालेजो को बंद करने का निर्णय किया गया है। 

हाईकोर्ट के कामकाज पर कोरोना इफेक्ट 

इधर कोरोना का असर हाईकोर्ट के कामकाज पर भी नजर आया। दोपहर 12 बजे तक कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश धर्माधिकारी की खंडपीठ ने सारे मामलों की सुनवाई पूरी कर ली। अन्य न्यायमूर्तियों की खंडपीठ ने भी दो बजे तक सारी सुनवाई पूरी कर ली। आम दिनों की अपेक्षा सोमवार को हाईकोर्ट में बेहद कम भीड़ नजर आयी। 
 

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