बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए गठित हाई पॉवर कमेटी की सिफारिशों पर कितना अमल किया

बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए गठित हाई पॉवर कमेटी की सिफारिशों पर कितना अमल किया

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-29 08:26 GMT
बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए गठित हाई पॉवर कमेटी की सिफारिशों पर कितना अमल किया

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से किया जवाब-तलब, अगली सुनवाई 11 फरवरी को
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
मप्र हाईकोर्ट बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए जवाब से संतुष्ट नहीं हुई है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि बर्ड फ्लू को लेकर वर्ष 2006 में गठित हाई पॉवर कमेटी की सिफारिशों पर कितना अमल किया गया। मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी। 
यह है मामला -  बर्ड फ्लू की रोकथाम को लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू फैल गया है। राज्य सरकार की ओर से बर्ड फ्लू रोकने के लिए इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।
2006 में भी फैला था बर्ड फ्लू -  याचिका में कहा गया है कि  वर्ष 2006 में भी बर्ड फ्लू फैल गया था। उस समय जबलपुर के डॉ. वायसी चाऊ ने जनहित याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर विशेषज्ञों की हाई पॉवर कमेटी गठित की गई। हाई पॉवर कमेटी ने बर्ड फ्लू रोकने के लिए प्रयोगशालाओं को उपकरणों से सुसज्जित करने सहित कई सिफारिशें की थीं।  12 जनवरी 2021 को डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से जवाब माँगा था कि वर्ष 2006 में गठित हाई पॉवर कमेटी की सिफारिशों पर कितना अमल किया गया। राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए जवाब में कहा गया कि बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। सभी संबंधित अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। 
राज्य सरकार का जवाब संतोषजनक नहीं 
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने कहा कि राज्य सरकार का जवाब संतोषजनक नहीं है। जवाब में  यह नहीं बताया गया है कि वर्ष 2006 में बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए गठित हाई पॉवर कमेटी की सिफारिशों पर कितना अमल किया गया है। डिवीजन बैंच ने इस पर राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। 

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