शहर के 99 % कुओं का पानी दूषित,जलाशय सूखने से पीने के पानी के लिए करनी पड़ रही जद्दोजहद

शहर के 99 % कुओं का पानी दूषित,जलाशय सूखने से पीने के पानी के लिए करनी पड़ रही जद्दोजहद

Anita Peddulwar
Update: 2019-03-27 05:19 GMT
शहर के 99 % कुओं का पानी दूषित,जलाशय सूखने से पीने के पानी के लिए करनी पड़ रही जद्दोजहद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के जलाशय सूखने व 99 प्रतिशत कुओं का पानी पीने योग्य न होने से प्रशासन को जद्दोजहद करनी पड़ रही है। तोतलाडोह जलाशय और कन्हान नदी में पानी की कमी के बाद अब महानगरपालिका नींद से जागी है। कुएं और बोरवेल को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि नागपुर के लिए पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके। इस बीच शासकीय प्रादेशिक प्रयोगशाला की रिपोर्ट में शहर के 99 प्रतिशत कुओं का पानी पीने के योग्य नहीं होने का खुलासा हुआ है।

गूगल पर डाली जाएगी जानकारी 
मनपा जलप्रदाय विभाग ने इस साल भी 748 कुओं के सर्वेक्षणों का काम शुरू किया है। योजना अंतर्गत जीपीएस द्वारा कुओं की मौके पर मार्किंग कर गूगल पर मैपिंग की जाएगी, ताकि कुओं की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके। जोन अनुसार डाटा बेस तैयार किया जाएगा। ऐसे कुओं से कचरा निकाल कर बारीक लोहे की जालियां लगाने के साथ ही जरूरी हो तो विद्युत पंप लगाकर लघु नल योजना क्रियान्वित की जाएगी। जिन इलाकों में पाइपलाइन नेटवर्क नहीं है, उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिन क्षेत्रों में नेटवर्क है, लेकिन गर्मियों के दिनों में जलसंकट की स्थिति निर्माण होती है, ऐसे क्षेत्रों को दूसरी प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद शेष इलाकों में कुओं की सफाई का काम शुरू किया जाएगा। 

347 बोरवेल की खुदाई का काम शुरू 
जलप्रदाय विभाग ने दावा किया कि शहर में नॉन नेटवर्क और नेटवर्क क्षेत्रों में संभावित जलसंकट को देखते हुए कुल 347 बोरवेल की खुदाई का काम शुरू किया गया है। फिलहाल 4 बोरवेल की खुदाई ड्रिलिंग एजेंसी के मार्फत की जा रही है। अब तक शहर में नॉन नेटवर्क क्षेत्र में 96 बोरवेल का काम पूरा हुआ है। बोरवेल खुदाई के कार्य को जल्द निपटाने के लिए जिला परिषद, जीएसडीए में कार्यरत एजेंसी की मांग की गई है। मनपा का दावा है कि अप्रैल 2019 तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। 

चार एजेंसियां जुटीं
फिलहाल शहर में 5254 बोरवेल हैं, जिन पर हैंडपंप लगे हैं। मनपा का दावा है कि सभी बोरवेल की देखभाल-दुरुस्ती नियमित तौर पर होती है। इसके लिए कुल 4 एजेंसियां कार्यरत हैं। मौजूदा बोरवेल का पानी पीने योग्य है अथवा नहीं? इसकी जांच की प्रक्रिया शुरू है। जो बोरवेल स्थायी रूप से बंद हैं, ऐसे बोरवेल की रिचार्जिंग का काम शुरू किया गया है। इनका गर्मियों में इस्तेमाल किया जा सकेगा। 
 

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