भगवान महावीर की बात मानें,आचरण कर उत्तम श्रावक और अणुव्रती बनें-सुवीरसागर महाराज
भगवान महावीर की बात मानें,आचरण कर उत्तम श्रावक और अणुव्रती बनें-सुवीरसागर महाराज
डिजिटल डेस्क, नागपुर । श्रावकाचार का आचरण के बाद समयसार का स्वाध्याय करना चाहिए। यह उद्गार तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मतिसागर के शिष्य आचार्य सुवीरसागर ने श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर, महावीरनगर में व्यक्त किए। आचार्यश्री ने कहा कि श्रावकों के लिए आचार्यों ने 36 श्रावकाचार के ग्रंथ लिखे हैं जिसमें से आचार्य समन्तभद्र स्वामी लिखित रत्नकरंड श्रावकाचार प्रचलित है। सभी श्रावक इसका स्वाध्याय और आचरण कर उत्तम श्रावक और अणुव्रती बनें। कई श्रावक मंदिर के पास रहकर भी मंदिर में नहीं आते। उन्हें मंदिर में आकर 10 मिनट का समय भगवान का अभिषेक करने के लिए देने से पूरे जीवन का नक्शा बदल जाएगा। बड़े पुण्य से कई जनम तक संसार भ्रमण के बाद जैन कुल में जनम हुआ, तो जैन कुल को सार्थक करना अपने हाथ में हैं।
जलाराम जयंती पर बही भक्ति रसधारा
जलाराम सत्संग मंडल की ओर से जलाराम जयंती महोत्सव की पूर्णाहुति पर भजन गायक मधुकांत ठक्कर ग्रुप द्वारा संत शिरोमणि जलाराम बाप्पा के लोकप्रिय भजन तथा सोरठी (सौराष्ट्र) एवं अंजार भूज तथा बंबइया भजनों की बौछार कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। भोजन व्यवस्था में विशाल भीमजियानी, प्रकाश सूचक, धमेंंद्र मजीठिया, भावेश मजीठिया, हरीश सूचक, भरत सादरानी, मनीष गंडेचा, हर्षद तन्ना, जितेंद्र लिम्बाचिया, अजय लाखानी, राजेश राजा, आनंद कारिया, कोषागार समिति के नरेश वसानी, नितीन गंडेचा, किरीट वसानी, रामदास वजानी, अतुल वसानी तथा जलाराम सत्संग भजन मंडल, भजन समिति, जलाराम महिला मंडल, वीरबाई मां महिला मंडल, हरि (महिला) रामायण मंडल तथा युवा कार्यकर्ता आदि शामिल थे।
श्री गजानन विजयग्रंथ का महापारायण 10 को
टिमकी स्थित श्री संत गजानन महाराज सेवा समिति की ओर से 10 नवंबर को श्रीराम देवस्थान गढ़मंदिर, रामटेक में श्री गजानन विजयग्रंथ का सामूहिक महापारायण का आयोजन किया गया है। प्रात: 7 बजे श्रीराम जयराम जयजयराम तथा गण- गण गणात बोते मंत्र का जयघोष होगा। सुबह 7.30 से दोपहर 12.30 बजे तक श्री दासगणु विरचित श्री गजानन विजयग्रंथ का पारायण संपन्न होगा। 12.30 से 1.30 बजे तक आरती व सत्संग होगा। 11.30 से 3.30 बजे तक महाप्रसाद वितरित किया जाएगा। पारायण करने वाले भक्तों से श्री गजानन विजयग्रंथ साथ लाने की विनती सेवा समिति की ओर से की गई है। भक्तों से कार्यक्रम में उपस्थित रहकर दर्शन एवं महाप्रसाद का लाभ लेने की निवेदन समिति ने किया है।