राखी के त्यौहार पर चंद्रग्रहण का सूतक, जानिए राखी बांधने का श्रेष्ठ समय
राखी के त्यौहार पर चंद्रग्रहण का सूतक, जानिए राखी बांधने का श्रेष्ठ समय
डिजिटल डेस्क, अमरावती। भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के पवित्र व स्नेहपूर्ण रिश्तों का पर्व रक्षाबंधन प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष 7 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन पूर्णिमा तिथि रात 11.37 बजे तक रहेगी। लेकिन इस दिन रात 11.02 तक भद्रा व रात्रि में चंद्रग्रहण होने से ग्रहण का सूतक दोपहर 1.30 बजे प्रारंभ होगा। परंपरा भद्रा व सूतक में कोई शुभ कार्य करना नहीं चाहिए। यह जानकारी पंडित करणगोपाल पुरोहित ने दी है।
उनके अनुसार ग्रहण के कारण राखी बांधने का श्रेष्ठ समय सुबह 11.50 से दोपहर 1 बजे तक है। चंद्रग्रहण श्रवण नक्षत्र एवं मकर राशि मंडल पर मान्य है। अत: इस नक्षत्र व राशिवालों को चंद्रग्रहण का दर्शन नहीं करना चाहिए, बल्कि ईष्ट देव की आराधना, गुरु मंत्र जप व धार्मिक ग्रंथ का पठन तथा मनन करना चाहिए। वृषभ, कर्क, कन्या, धनु राशि के लिए चंद्रग्रहण सामान्य फलकारक है। मेष, सिंह, वृषभ, मीन राशि के लिए शुभफल देनेवाला है। अखंड ग्रास संज्ञा का चंद्रग्रहण सोमवार को मान्य है। धर्मशास्त्र के मतानुसार नामलक्षण महिमा चरितार्थ है। यह चंद्रग्रहण भारत के अलावा, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, बंगलादेश, श्रीलंका, अरब में भी दिखाई देगा। सूतक यम-नियम 7 अगस्त को ही दिन के मध्य में 1.29 बजे से मान्य है। ग्रहण का स्पर्श काल रात्रि 10.29 बजे से है। मोक्ष शुद्धि काल मध्य रात्रि 12.22 मिनट पर है। यह चंद्रग्रहण महिला विशेष, उद्योगपति, धर्म नेता, कथा वाचक, कर्मकांडी पंडित एवं प्रशासन मंत्री, जड़ीबूटी विज्ञान समुदाय, विशेष प्रभार सूचक एवं दर्शन योग्य नहीं है।