मराठा आरक्षण आंदोलन : हिंसा भड़काने में मराठा राजनेताओं का हाथ - तावडे़

मराठा आरक्षण आंदोलन : हिंसा भड़काने में मराठा राजनेताओं का हाथ - तावडे़

Tejinder Singh
Update: 2018-08-14 14:38 GMT
मराठा आरक्षण आंदोलन : हिंसा भड़काने में मराठा राजनेताओं का हाथ - तावडे़

डिजिटल डेस्क, मुंबई। औरंगाबाद के वालूज एमआईडीसी में तोड़फोड़ के मामले में प्रदेश के शिक्षा मंत्री विनोद तावडे़ ने किसी का नाम लिए बिना कहा है कि हिंसा भड़काने में कुछ बड़े मराठा नेता शामिल थे। तावडे़ ने कहा कि मराठा आंदोलन के बहाने कुछ राजनीतिक हस्तियों ने प्रदेश सरकार को अड़चन में डालने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मराठा समाज के शांतिपूर्ण मोर्चा के बाद जिन मराठा नेताओं को लगा कि उनकी नेतागिरी खत्म होने जा रही है, ऐसे मराठा नेताओं ने मराठा आरक्षण आंदोलन को बदनाम करने के उद्देश्य से हिंसा के लिए कुछ लोगों को उकसाया था। इससे संबंधित जानकारी औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त चिरंजीव प्रसाद के पास आई है। 

मंगलवार को मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत में तावडे़ ने कहा कि शांति पूर्ण मोर्चे से विश्व भर में मराठा क्रांति मूक मोर्चा का नाम और दबदबा पैदा हुआ था। इससे कुछ मराठा नेताओं को लगा कि मराठा समाज के लोग संगठित हो रहे हैं। इसलिए मराठा आरक्षण आंदोलन को बदनाम करने के लिए हिंसा का मार्ग अपनाया जाए। तावडे़ ने कहा कि वालूज एमआईडीसी में हिंसा और तोड़फोड़ की घटना को अंजाम देने वाले कौन लोग हैं, यह पुलिस को पता चल गया है। सरकार के गृह विभाग को इसकी जानकारी है। पुलिस की जांच में सभी तथ्य सामने आ जाएंगे। तावडे़ ने कहा कि मराठा समाज को आने वाले समय में यह पता चल जाएगा कि सरकार ने अदालत में टिकने वाला आरक्षण दिया है केवल वोटों के लिए नहीं। 

तावडे़ ने उद्धव को दी सलाह 
तावडे़ ने एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयान पर उन्हें सलाह दी है। तावडे़ ने कहा कि संविधान के आधार पर कुछ बातें टिकती हैं और कुछ नहीं टिक पाती हैं। इसलिए अध्ययन करने के बाद ही बोलना बेहतर होता है। उद्धव ने कहा था कि यदि एक साथ चुनाव कराया गया तो शिवसैनिक प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को चुनाव प्रचार में आने से रोकेंगे। 

चुनाव आचार संहिता में गुजर गए डेढ़ साल
तावडे़ ने कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ भाजपा की पुरानी मांग है। भारत में एक देश, एक चुनाव समय की आवश्यकता है। क्योंकि महाराष्ट्र में पिछले 4 साल के भाजपा सरकार के शासनकाल का डेढ़ साल आचार संहिता में गुजर गया। इससे सरकार की तिजोरी में पैसे होने के बावजूद विकास के लिए समय पर पैसे खर्च नहीं हो पाते। 

भाजपा नेतृत्व कुछ भी कर सकता है: संजय राऊत
दूसरी ओर शिवसेना के सांसद संजय राऊत ने देश में एक साथ चुनाव कराने के मसले में भाजपा पर तंज कसा है। राऊत ने कहा कि यदि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने तय कर लिया तो भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के साथ-साथ अमेरिका और इजराइल का भी चुनाव एक ही साथ करा सकते हैं। भाजपा नेतृत्व के मन में कुछ भी आ सकता है। लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि इसमें देश का कितना हित है। 

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