मैराथन बैठक में गडकरी ने ली अधिकारियों की क्लास - काम करो, वर्ना वीआरएस लेकर घर बैठो

मैराथन बैठक में गडकरी ने ली अधिकारियों की क्लास - काम करो, वर्ना वीआरएस लेकर घर बैठो

Tejinder Singh
Update: 2019-06-30 12:30 GMT
मैराथन बैठक में गडकरी ने ली अधिकारियों की क्लास - काम करो, वर्ना वीआरएस लेकर घर बैठो

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने सख्त लहजे में कहा कि जो अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं, ऐसे निष्क्रिय अधिकारी वीआरएस ले लें। वह शनिवार को वनामति में विभिन्न कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान बोल रहे थे। शाम 4.30 से रात 8 बजे तक चली इस मैराथन बैठक में शहर के कई विषयों पर चर्चा हुई। अधिकारियों की जमकर क्लास ली। नासुप्र के अधीक्षक अभियंता सुनील गुज्जरवार को फटकार लगाते हुए कहा कि काम नहीं करना है, तो सेवानिवृत्ति ले लो, तुम्हारे कारण कई प्रकल्प लंबित पड़े हैं। उद्यान अधीक्षक अमाेल चौरपगार को भी फटकार लगाई और कहा कि नाग नदी, तालाब प्रकल्पों के प्रभारी मोहम्मद इसरायल तो सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन तुम तो मनपा के ही कर्मचारी हो, अपने काम पर ध्यान दो।

गडकरी ने कहा कि शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 50 हजार घर बनाने का लक्ष्य है। इसमें आने वाली समस्याओं का तत्काल दूर करें। 

नागपुर सुधार प्रन्यास द्वारा मनपा को ले-आउट हस्तांतरण करने के विषय पर जिलाधिकारी, मनपा आयुक्त व नागपुर सुधार प्रन्यास के सभापति को उचित निर्णय लेकर काम को पूरा करने के निर्देश दिए। 

यह भी बताया कि शहर में वरिष्ठ नागरिकों के लिए पहले चरण में 28 जगह ग्रीन जिम की मशीनें लग चुकी हैं। दूसरे चरण में 28 जगह इसे लगाने का काम 15 अगस्त तक पूरा करें। 

खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए खेल मैदानों का विकास होना जरूरी है। खासदार क्रीड़ा महोत्सव के संयोजक व शहर के द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता भाड काणे के साथ चर्चा कर अड़चनों को दूर कर काम पूरा करें।

पारदर्शी सरकार देना प्राथमिकता : गडकरी

केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि, देश की जनता को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देना हमारी प्राथमिकता है। टैक्स बार एसोसिएशन द्वारा प्रत्यक्ष कर पर आयोजित सेमिनार में वे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि, आर्थिक विकास से जुड़े सभी मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष ध्यान है और वे चाहते हैं कि, सभी कार्य समयबद्ध और परिणाम देने वाले हाेने चाहिए, जिसमें भ्रष्टाचार बिलकुल न हो । व्यापारी वर्ग को करों की मार से बचाने के लिए जीएसटी लागू किया गया और यह प्रयास किया गया कि, देश की कर प्रणाली भ्रष्टाचार के चंगुल से मुक्त हो सके और करों का पारदर्शी तरीके से उपयोग हो सके, जिसका पूरा लाभ देश की जनता को मिल सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि, कर प्रणाली मेरे मंत्रालय का विषय नहीं है, लेकिन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री होने के नाते मैं भी करों के विषय में जुड़ा हुआ हूं। वर्तमान में देश में लघु उद्योगों की विकास दर करीब 21 फीसदी है, जिसे बढ़ाकर 50 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य है। नए भारत का स्वप्न तभी पूरा हो सकेगा, जब हमारी सकल घरेलू उत्पाद दर करीब 8 फीसदी पर बनी रहेगी। कृषि और ग्रामीण संकट से निपटना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है । उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि, उनके कार्यकाल के दौरान सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरूआत की गई थी। उस वक्त मैं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री था और वाजपेयी के निर्देश  पर मुझे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए कार्य करने का अवसर दिया गया था। राज्य के ग्रामीण इलाकों में 60 हजार किमी तक ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया था। किसी भी कार्य को करने के लिए आपका रूख सकारात्मक होना आवश्यक है। ये बदलाव  का समय है और यदि हम अपने आप को नहीं बदलेंगे तो जनता की अदालत में हमें माफी नहीं मिलेगी।


 

 

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