सरकारी अधिसूचना न मिलने पर अटका मनोरंजन कर

सरकारी अधिसूचना न मिलने पर अटका मनोरंजन कर

Anita Peddulwar
Update: 2017-12-05 08:23 GMT
सरकारी अधिसूचना न मिलने पर अटका मनोरंजन कर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स वसूलने में तरह-तरह के अड़ंगे आ रहे हैं। सरकार ने देशभर में एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू कर दिया गया। इसके चलते जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा वसूले  जाने वाले मनोरंजन कर की वसूली भी बंद हो गई। इस बीच मनोरंजन कर को स्थानीय निकाय संस्थान को देने का विचार शासन स्तर पर चालू था जो अब भी बना हुआ है। इसको लेकर मनपा ने शहर के सभी सिनेमागृहों को मनोरंजन कर के लिए नोटिस भेजा है, लेकिन सरकारी अधिसूचना न होने के  कारण वह कर डूबता दिखाई पड़ रहा है। मनोरंजन कर हर साल 20 करोड़ के करीब मिलता है। साथ ही पिछला कर किस आधार पर वसूल किया जाएगा यह सवाल भी बना हुआ है।

नहीं मिली अधिसूचना  
जानकारी के अनुसार नागपुर जिले से मनोरंजन कर की वसूली जिलाधिकारी कार्यालय की जिम्मेदारी थी, इसके लिए जिलाधिकारी कार्यालय में एक विभाग भी था, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद से मनोरंजन कर वसूलने का अधिकार स्थानीय निकाय संस्था को देने पर विचार चल रहा था। 15 सितंबर के बाद से इस संबंध में मनपा के साथ ही जिला परिषद, नगर पंचायत, नगर परिषद के लिए अधिसूचना निकालने की जानकारी दी गई। सभी स्थानीय निकाय संस्थाओं को इसका इंतजार था, लेकिन जब अधिसूचना नहीं निकली तो आर्थिक संकट से बचने के िलए मनपा ने मनोरंजन विभाग को स्थापित कर 3 कर्मचारियों की नियुक्ति कर सिनेमा घरों को नोटिस दे िदया। इसके बाद सिनेमा घर के मालिक और संचालकों ने एक साथ आकर राज्यमंत्री से मुलाकात की। मंत्री ने सिनेमा गृह के मालिकों का पक्ष रखते हुए निर्देशित किया कि, जब तक अधिसूचना नहीं निकलती तब तक मनोरंजन कर नहीं वसूल किया जा सकता। जिसके चलते मनोरंजन कर की वसूली रोक दी गई है। जकात कर के बाद एलबीटी भी बंद हो गया। इसके बाद सिर्फ जीएसटी अनुदान से ही उम्मीद लगाई जा रही थी क्योंकि वह 50 करोड़ से ज्यादा नहीं मिलता है। इसके चलते मनोरंजन कर से उम्मीद लगाई जा रही थी। जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा 20 करोड़ रुपए की वसूली शहर के सिनेमाघर से की जाती थी जो जीएसटी के बाद मनपा की तिजोरी में जाने की संभावना थी, लेकिन अधिसूचना ने उसमें अड़ंगा डाल दिया है।
 

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