एक झटके में कम हुए बीएसएनएल के 545 कर्मचारी

एक झटके में कम हुए बीएसएनएल के 545 कर्मचारी

Anita Peddulwar
Update: 2020-02-01 10:10 GMT
एक झटके में कम हुए बीएसएनएल के 545 कर्मचारी

डिजिटल डेस्क , नागपुर । स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के चलते बीएसएनएल नागपुर में एक झटके में 545 कर्मचारी कम हो गए। बीएसएनएल के इतिहास में पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में कर्मचारियों की विदाई हुई है। स्टाॅफ तो कम हो गया, लेकिन फिल्ड वर्क व अन्य तकनीकी कामकाज पूरा करने के लिए अभी तक आउट सोर्सिंग की व्यवस्था नहीं की गई है। नागपुर जिले में बीएसएनएल के काम की जिम्मेदारी अब केवल 400 कर्मचारियों के कंधों पर है। 

गर्दिश के दौर से गुजर रहे बीएसएनएल के लिए केंद्र सरकार ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लाई। 50 साल आयु पूरी कर चुका हर कर्मचारी व अधिकारी इस योजना में शामिल हो सकता था। वीआरएस के लिए तीन महीने पहले से ही ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए थे। जिन कर्मचारियों के आवेदन मंजूर हुए, उनके लिए काम करने की अंतिम तारीख 31 जनवरी तय की गई थी। 31 जनवरी की शाम को बीएसएनएल के 545 कर्मचारियों की विदाई हुई। 

नहीं हुई टेंडर प्रक्रिया
टेलीफोन व ब्राडबैंड कनेक्शन की शिकायत होने पर अब तक घर पर जो लाइनमैन आते थे, उसमें बीएसएनएल के कर्मचारी भी रहते थे। अब फिल्ड वर्क पर दुरुस्ती या फाल्ट देखने के लिए बीएसएनएल कर्मचारी नहीं आ सकेंगे। कंपनी इसके लिए आउटसोर्सिंग की तैयारी में है, लेकिन अभी तक इस बारे में टेंडर प्रक्रिया ही जारी नहीं हो सकी है। उपभोक्ता पहले ही बीएसएनएल की सेवा से बहुत ज्यादा खुश नहीं है। यह समस्या आैर बढ़ सकती है। दो महीने बाद नागपुर में बीएसएनएल की तरफ से 4जी सेवा देने की कोशिश है।  ठेका पद्धति पर लोगों की नियुक्ति होने में अभी समय लगेगा। तब तक उपभोक्ताआें को परेशानी सहनी पड़ सकती है।

दिन भर विदाई समारोह
जीरो माइल स्थित बीएसएनएल मुख्यालय, केंद्रीय तार घर से लेकर शहर व जिले में जितने टेलीफोन एक्सचेंज है उन सभी जगहों पर दिनभर कर्मचारियों का विदाई समारोह कार्यक्रम चलता रहा। कर्मचारी एक दूसरे से मिलकर खुशी जताने के साथ ही समय से पहले विभाग से दूर होने का दर्द भी झलक रहा था। विभाग में मिले अनुभवों को एक दूसरे से साझा कर रहे थे।

छलका दर्द
बीएसएनएल के अधिकारी टी. बी. वानखडे, एस. पी. महात्मे, वी. एस. डोंगरे, पी. एन. बावणकर ने दैनिक भास्कर को बताया कि विदाई के बाद घर जाने में दर्द महसूस हो रहा है। समय से पहले विभाग से दूर होने की कल्पना भी नहीं की थी। साथियों से मिलकर खट्टी-मीट्टी बातों पर चर्चा कर विभाग में मिले अनुभवों को साझा कर रहे हैं। शायद हम सब एक साथ अब कार्यालय परिसर में नहीं मिल सकेंगे, यह दर्द भी दिल में है। बहरहाल विभाग गर्दिश से बाहर निकलकर उपभोक्ताओं की अच्छी सेवा करे, यही हमारी उम्मीद है।

शीघ्र होगी नई व्यवस्था
 इतनी ज्यादा संख्या में कर्मचारी रिटायर्ड होने से वर्क लोड बढ़ना स्वाभाविक है। विभाग शीघ्र ही आउटसोर्सिंग की व्यवस्था करेगा। टेंडर जारी होंगे आैर ठेका पद्धति पर लोगों की नियुक्ति की जाएगी। लाइनमैन से लेकर फिल्ड में तकनीकी काम करने के लिए लोगों की जरूरत है। काम के हिसाब से वर्तमान में बचे स्टाॅफ को और लोगों की जरूरत है। उपभोक्ताआें की सेवा प्रभावित न हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है।  -समीर खरे, जनसंपर्क अधिकारी, बीएसएनएल नागपुर

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