मप्र हाईकोर्ट के अगले चीफ जस्टिस होंगे एए कुरैशी

मप्र हाईकोर्ट के अगले चीफ जस्टिस होंगे एए कुरैशी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-13 16:25 GMT
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मुंबई हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश एए कुरैशी मप्र हाईकोर्ट के अगले चीफ होंगे। श्री कुरैशी मप्र हाईकोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस एसके सेठ के 9 जून को सेवानिवृत्त होने के बाद चीफ जस्टिस का पद संभालेंगे। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने श्री कुरैशी के नाम की अनुशंसा मप्र हाईकोर्ट के अगले चीफ जस्टिस के रूप में की है। राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद नियुक्ति-पत्र जारी किया जाएगा।

जस्टिस एए कुरैशी का जन्म 7 मार्च 1960 को गुजरात में हुआ। बीएससी एलएलबी करने के बाद उन्होंने 1983 में वकालत शुरू की। 7 मार्च 2004 को उन्हें गुजरात हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 12 अगस्त 2005 को उन्हें स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 2 सितंबर 2011 को उन्हें गुजरात हाईकोर्ट का एक्टिंग चीफ जस्टिस बनाया गया। 14 नवंबर 2018 को उनका स्स्थानांतरण मुंबई हाईकोर्ट कर दिया गया। वे वर्तमान में मुंबई हाईकोर्ट में कार्यरत हैं।

10 पीजी स्टूडेन्ट्स को क्यों नहीं दे रहे इनरोलमेन्ट नंबर-
हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, डीएमई और मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर पूछा है कि इंडेक्स मेडिकल कॉलेज इंदौर के 10 पीजी स्टूडेन्ट्स को इनरोलमेन्ट नंबर क्यों नहीं जारी किया जा रहा है। जस्टिस आरएस झा और जस्टिस संजय द्विवेदी की युगल पीठ ने चार सप्ताह में जवाब-तलब किया है। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज इंदौर में पीजी स्टूडेन्ट्स डॉ. तनुज कुमार दास सहित 10 छात्रों की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि उन्होंने जून 2016 में प्रीपीजी एग्जाम क्लियर करने के बाद पीजी में प्रवेश लिया था।

उन्होंने अपनी थीसिस और इनरोलमेन्ट की फीस भी जमा करा दी। उनके फाइनल एग्जाम शुरू होने के पहले मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर ने उन्हें इनरोलमेन्ट नंबर देने से इनकार करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी को उनके प्रवेश संबंधी पूरे कागजात नहीं मिले हैं। इसके पूर्व यूनिवर्सिटी ने उनसे शपथ-पत्र भी लिया कि उनके दस्तावेजों की जांच चल रही है। अधिवक्ता आदित्य संघी ने कहा कि छात्रों ने वर्ष 2016 में जिस समय प्रवेश लिया था, उस समय इंडेक्स मेडिकल कॉलेज मावलांचल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आता था। छात्रों ने उस समय अपने पूरे दस्तावेज मालवांचल यूनिवर्सिटी के पास जमा किए थे। अब फाइनल एग्जाम के वक्त छात्रों को इनरोलमेंट नंबर नहीं दिया जा रहा है। प्रांरभिक सुनवाई के बाद युगल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।

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