विदर्भ का पहला एनबीए मानांकन मिला एनआईटी पॉलिटेक्निक को

विदर्भ का पहला एनबीए मानांकन मिला एनआईटी पॉलिटेक्निक को

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-03 05:55 GMT
विदर्भ का पहला एनबीए मानांकन मिला एनआईटी पॉलिटेक्निक को

डिजिटल डेस्क, नागपुर। श्रीसाई शिक्षण संस्थान के एनआईटी पॉलिटेक्निक ने शिक्षा क्षेत्र में अपना अलग मुकाम बनाया है। महाराष्ट्र में तकनीकी शिक्षा में एक मील के पत्थर के रूप में एनआईटी पालिटेक्निक जाना जाता है। इस बार एनआईटी पालिटेक्निक ने विदर्भ में  रैंकिंग इंजीनियरिंग का सर्वोच्च सम्मान प्राप्त किया है। श्रीसाई शिक्षण संस्था द्वारा संचालित एनआईटी पालिटेक्निक को एनबीए द्वारा मानांकन प्राप्त हुआ है। कालेज के सभी विभाग सिविल मेकेनिकल,इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर,इलेक्ट्रानिक्स और टेलीकम्युनिकेशन इसमें शामिल हैं। 

विदर्भ में अव्वल
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एआईसीटीई द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार एनआईटी पॉलिटेक्निक को महाराष्ट्र के अन्य 18 कॉलेजों में शामिल किया गया है। 446 कॉलेजों में से यह मान्यता प्राप्त की है। इसके साथ ही संस्थान 88 कॉलेजों के बीच विदर्भ में पहला पॉलिटेक्निक बन गया है। उल्लेखनीय है कि विश्व में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ाने के लिए, एनबीए संस्थान को भारत के प्रतिनिधि के रूप में वाशिंगटन में वैश्विक तकनीकी सम्मेलन में शामिल किया गया। 2014 में विश्व तकनीकी शिक्षा परिषद की सदस्यता प्राप्त की। इस तरह के अंतरराष्ट्रीय मानक और एनबीए की प्रतिनियुक्त समिति ने छात्रों के लिए संस्थानों की जिम्मेदारियां, इसकी दृष्टि और उद्देश्यों,  शिक्षा प्रक्रिया, प्लेसमेंट, कॉलेज में व्याप्त  सुविधाएं व रिजल्ट के आधार पर एनआईटी पॉलिटेक्निक को सर्वोच्च मान्यता दी है।

छह सदस्यीय समिति ने दी मान्यता
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की छह सदस्य विशेषज्ञ समिति मान्यता प्राप्त की है। समिति का कहना है कि जो छात्र ऐसी संस्थान में प्रवेश लेंगे, उन्हें निश्चित रूप से उद्योग की जरूरतों और अपेक्षाओं के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी और समग्र रूप से कई कौशल के साथ सम्मानित किया जाएगा।   इस उपलब्धि पर श्रीसाई शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख, सचिव सलील देशमुख, प्रिंसिपल प्रोफसर गजानन पोटभरे, उप-प्राचार्य प्रो.नागेश इजमुलवार, सचिन लाडेकर, आकाश उकुंडे, राजकुमार वाडबुधे, नीलेश सोनारे, नातीश सैयद, सत्यजीत देशमुख सहित शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने इसे सभी की मेहनत का फल बताया है। 
 

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