आरटीओ विभाग अब प्रतिदिन 186 लर्निंग लाइसेंस ही बनाएगा, पहले ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेना भी जरूरी

आरटीओ विभाग अब प्रतिदिन 186 लर्निंग लाइसेंस ही बनाएगा, पहले ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेना भी जरूरी

Tejinder Singh
Update: 2020-07-04 09:51 GMT
आरटीओ विभाग अब प्रतिदिन 186 लर्निंग लाइसेंस ही बनाएगा, पहले ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेना भी जरूरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीओ विभाग ने प्रतिदिन बनने वाले लर्निंग लाइसेंसों की संख्या कम कर दी है। पहले जहां शहर, पूर्व और ग्रामीण आरटीओ कार्यालय प्रतिदिन करीब 592 लाइसेंस जारी करते थे, अब मात्र 186 लाइसेंस ही रोज बनाए जाएंगे। इसका कारण कोरोना संक्रमण का खतरा होना बताया गया है। इससे लर्निंग लाइसेंस बनवाने वाले वाहनधारकों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

75 प्रतिशत की कटौती

लर्निनंग लाइसेंस के लिए पहले ऑनलाइन अनुमति लेनी होती है। उसके बाद संबंधित आरटीओ कार्यालय में जाकर परीक्षा देनी होती है। फिर लाइसेंस जारी किया जाता है। अभी तक शहर, पूर्व व ग्रामीण आरटीओ कार्यालय से प्रतिदिन 592 लर्निंग लाइसेंस बनाए जा रहे थे, लेकिन अब इसमें करीब 75 प्रतिशत कटौती कर दी गई है। कोरोना संक्रमण के कारण लंबे समय तक आरटीओ कार्यालय में लाइसेंस की प्रक्रिया बंद थी, लेकिन हाल ही में पुन: शुरू किया गया है। अब शहर आरटीओ से प्रतिदिन 50 से ज्यादा लर्निंग लाइसेंस नहीं बनेंगे। पूर्व से 72 और ग्रामीण से 64 से ज्यादा लाइसेंस नहीं बनाए जाएंगे। 

आरटीओ में काम है तो पहले अप्वाइंटमेंट लीजिए

भास्कर संवाददाता नागपुर. परिवहन कार्यालय में पहले लर्निंग लाइसेंस और परमानेंट लाइसेंस के लिए ही अप्वाइंटमेंट लेकर काम होता था। अब हर काम के लिए अप्वाइंटमेंट लेना अनिवार्य कर दिया गया है। ऑनलाइन आवेदन देकर अप्वाइंटमेंट लेना होगा। कोविड-19 के दौरान आरटीआे में केवल आवश्यक कार्य किए जा रहे थे। अनलॉक-1 में आरटीओ में अन्य कार्य भी शुरू हो गए। नागपुर ग्रामीण प्रादेशिक परिवहन अधिकारी बजरंग खरमाटे ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि और भीड़ होने से रोकने के लिए अप्वाइंटमेंट को अनिवार्य किया गया है। वाहन ट्रांसफर, ग्रीन टैक्स, वीआईपी नंबर सहित अन्य टैक्स और कार्यों के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट दिया जा रहा है। इसके बाद ऑफिस में आकर कार्य पूरा करवा सकते हैं।

अतुल आदे, डिप्टी आरटीओ, शहर आरटीओ के मुताबिक कोरोना संक्रमण के खतरा को देखते हुए और मैन पॉवर की कमी होने से प्रतिदिन लर्निंग लाइसेंस बनाने की संख्या कम कर दी गई है। 

आरटीओ में काम है तो पहले ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लीजिए

परिवहन कार्यालय में पहले लर्निंग लाइसेंस और परमानेंट लाइसेंस के लिए ही अप्वाइंटमेंट लेकर काम होता था। अब हर काम के लिए अप्वाइंटमेंट लेना अनिवार्य कर दिया गया है। ऑनलाइन आवेदन देकर अप्वाइंटमेंट लेना होगा। कोविड-19 के दौरान आरटीआे में केवल आवश्यक कार्य किए जा रहे थे। अनलॉक-1 में आरटीओ में अन्य कार्य भी शुरू हो गए। नागपुर ग्रामीण प्रादेशिक परिवहन अधिकारी बजरंग खरमाटे ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि और भीड़ होने से रोकने के लिए अप्वाइंटमेंट को अनिवार्य किया गया है। वाहन ट्रांसफर, ग्रीन टैक्स, वीआईपी नंबर सहित अन्य टैक्स और कार्यों के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट दिया जा रहा है। इसके बाद ऑफिस में आकर कार्य पूरा करवा सकते हैं।

ग्रामीण आरटीओ में लगेगी अत्याधुनिक मशीन 5-10 मिनट में हो सकेगी वाहनों की जांच

वहीं वाहनों के फिटनेस टेस्ट के लिए अब नई तकनीक का उपयोग किया जाएगा। जर्मनी से आने वाली मशीन यहां ग्रामीण आरटीओ में स्थापित होगी। इससे जांच करने में समय की बचत तो होगी ही, ज्यादा सुरक्षित भी होगा। मैनुअल जांच में दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पिछले 5 साल से नाशिक में अत्याधुनिक मशीन से फिटनेस जांची जा रही है। इसी तरह की मशीन अब नागपुर भी लाने की तैयारी है। इसके लिए यहां के अधिकारी नासिक से प्रशिक्षण लेकर भी लौट आए हैं।

एक समय पर एक से ज्यादा वाहनों की जांच

मशीन को ऑपरेट करने के लिए ग्रामीण आरटीओ के सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी सुजीत डोंगरजाल नाशिक से प्रशिक्षण लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए अलग से कंपाउंड बनाया गया है। यह सर्विस सेंटर की तरह होेता है। नासिक के केंद्र में एक ही समय पर चार वाहनों की जांच मशीन से होती है। नागपुर में भी ऐसा ही होगा। यहां भी वाहनों की जांच में पहले की तुलना में कम समय लगेगा। 

यह होगा फायदा

अभी तक फिटनेस जांच के लिए आने वाले वाहन को ट्रैक पर चलाया जाता है। इससे हादसे की भी आशंका होती है। दरअसल, भारी वाहन भी बड़ी संख्या में आते हैं। अब वाहन दौड़ाने की जरूरत नहीं होगी। मशीन अंडरग्राउंड लगाई जाएगी। उसके ऊपर वाहन को खड़ा किया जाएगा। यहां लगे कंप्यूटर स्क्रीन पर सारी जानकारी आती जाएगी। समय की बचत भी होगी। अभी तक मैनुअल जांच में एक गाड़ी की जांच में कम से कम 20 मिनट का समय लगता है। स्टीयरिंग, ब्रेक, स्पीड, हेडलाइट, बैक लाइट सहित तमाम हिस्सों की जांच की जाती है। कई बार ट्रैक पर वाहन चलाते समय अनियंत्रित होने की आशंका भी रहती है। मशीन से जांच में ऐसा कुछ भी नहीं होगा। मशीन से जांच में मात्र 5-10 मिनट का समय लगेगा। मशीन पहले वाहन को सैनिटाइज करेगी।
 

 

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