भेदभाव खत्म करने की तैयारी में सरकार

जातिसूचक स्थानों के बदले जाएंगे नाम भेदभाव खत्म करने की तैयारी में सरकार

Tejinder Singh
Update: 2021-10-24 12:55 GMT
भेदभाव खत्म करने की तैयारी में सरकार

डिजिटल डेस्क, अमरावती। जाति सूचक शब्दों पर आधारित नामवाले गांवों, बस्तियां, बाडे तथा रास्तों के नाम बदलने का फैसला राज्य सरकार द्वारा किया गया था। इसके लिए ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, नगर परिषद, महानगरपालिका की ओर से जिला स्तर पर प्रस्ताव मांगे गए है। सामाजिक न्याय विभाग के पास अब तक 14 में से सभी 14 तहसीलों द्वारा जाति सूचक नामों को बदलने के प्रस्ताव आ चुके हैं। जिले में कुल 839 ग्राम पंचायतें है। इनमें से अनेक गांवों, वार्डों तथा बस्तियों के नाम जातिसूचक शब्दों पर आधारित है। महाराष्ट्र जैसे अग्रणीय राज्य में भेदभाव को दर्शाने वाली परंपरा को खत्म करने तथा राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। बस्ती तथा गांवों को जातिसूचक नाम देने की परंपरा बंद करने के लिए राज्य सरकार द्वारा यह मुिहम शुरु की गई है। अब तक सामाजिक न्याय विभाग के पास संपूर्ण जिले से इस तरह के कुल 213 प्रस्ताव आ चुके है। यह सभी प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे जाएंगे। इसके बाद जिलाधीश के अध्यक्षता वाली समिति नाम बदलने की प्रक्रिया को मंजूरी देगी।  इस पूरी योजना को लेकर अमरावती मनपा क्षेत्र में भी 19 बस्तियों के नाम बदलने का प्रस्ताव समाज कल्याण विभाग को भेजा गया है। इनमें मोची गली, खटीकपुरा, वडरपुरा जैसे क्षेत्रों के नाम बदले जाने का प्रस्ताव शामिल है। इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी मिलते ही शहर के 19 परिसरों के साथ ही 116 गांव, 43 वार्डाें व 18 रास्तों के नाम बदल दिए जाएंगे। अमरावती जिले में जातिसूचक आधारित कुल स्थानों की संख्या 239 बताई गई है। 

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