कमल को हराने मैदान में उतरे नाथ, बोले- पब्लिक सेक्टर का निजीकरण करने पर तुली मोदी सरकार 

कमल को हराने मैदान में उतरे नाथ, बोले- पब्लिक सेक्टर का निजीकरण करने पर तुली मोदी सरकार 

Tejinder Singh
Update: 2019-10-16 15:31 GMT
कमल को हराने मैदान में उतरे नाथ, बोले- पब्लिक सेक्टर का निजीकरण करने पर तुली मोदी सरकार 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि केंद्र व राज्य सरकार के झूठे आश्वासनों के कारण किसान आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। जिले में कांग्रेस उम्मीदवारों की प्रचार सभा काे संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि देश संकट के दौर से गुजर रहा है। सबसे बड़ा संकट विश्वसनीयता का है। सरकार के प्रति सम्मान व विश्वास रखना पड़ा है। लेकिन भाजपा के नेतृत्व की सरकार ने विश्वसनीयता खो दी है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक किसान आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। कपास, धान उत्पादकों को 5 साल पहले भाजपा ने दिए आश्वासन पूरे नहीं कर पायी है। किसानों को कर्जमाफ करके सातबारा कोरा करने का आश्वासन झूठा निकला है। किसानों का सातबारा कोरा नहीं हुआ है। मौदा के एनटीपीसी प्रकल्प का जिक्र करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने देश में औद्योगिक इकाइयां स्थापित कर युवाओं को रोजगार देने का काम किया था। तकनीकी विकास हो रहा है। विश्व स्तर पर विकास के अनेक योजनाएं बन रही है। लेकिन भाजपा के नेतृत्व की सरकार विकास के मामले में पिछड़ रही है।

झूठे आश्वासनों के कारण किसान आत्महत्या

कामठी-मौदा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस महाआघाड़ी के उम्मीदवार सुरेश भोयर के चुनाव प्रचार के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की सभा का आयोजन मौदा बस स्टैंड के पास किया गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, कांग्रेस के कार्यकाल में बड़ी संख्या में विकास कार्य किए गए। उन विकास कार्यों की जानकारी कार्यकर्तायों को जनता तक पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, हमारे समय में किसान, जनता व सभी वर्ग के लोग खुश थे लेकिन, आज की जनता, किसान खुश नहीं हैं। आज की सरकार लोगों पर अन्याय कर रही है। हमारी सरकार आने पर भारी मात्रा में विकास व किसानों के लिए मध्यप्रदेश के चौरई बांध का पानी देने का आश्वासन दिया। सभा में भारतीय कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुरेश भोयर,  किशोर गजभिये, नागपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र मुलक, विधायक सुनील केदार, हुकुमचंद आमदरे, तापेश्वर वैद्य, उमेश गभने, तुलसीराम कालमेघ, राजेंद्र लांडे, ज्ञानेश्वर वानखेड़े, विक्की साठवणे, राजेश निनावे और बड़ी संख्या में कांग्रेस के पदाधिकारी, कार्यकर्ता व नागरिक उपस्थित थे।

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