इंदौर से सफाई के टिप्स लेकर पहुंची NMC की टीम, नागपुर की स्मार्ट वॉच की तारीफ
इंदौर से सफाई के टिप्स लेकर पहुंची NMC की टीम, नागपुर की स्मार्ट वॉच की तारीफ
डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश के इंदौर शहर ने बाजी मारी है। उसे नंबर-वन का तमगा मिला है। इंदौर की स्वच्छता और नाविन्यूपर्ण योजना का निरीक्षण करने नागपुर महानगरपालिका की टीम भी पीछे नहीं रही। मनपा स्थायी समिति सभापति वीरेंद्र कुकरेजा के नेतृत्व में नगरसेवक, अधिकारियों की एक टीम इंदौर पहुंची। इंदौर मनपा के पदाधिकारी व अधिकारियों के साथ बैठक कर इंदौर और नागपुर में क्रियान्वित योजना की जानकारी का आदान-प्रदान किया।
नागपुर मनपा ने इंदौर की स्वच्छता की तारीफ की तो इंदौर मनपा के पदाधिकारियों ने नागपुर महानगरपालिका द्वारा अधिकारी और सफाई कर्मचारियों को दी गई स्मार्ट रिच वॉच की प्रशंसा की। इंदौर में भी यह मॉडल अपनाने की इच्छा जताई। स्वच्छता के अनेक पाठ पढ़कर मनपा की टीम मंगलवार रात नागपुर पहुंची। इंदौर के अभ्यान दौरे में स्थायी समिति सभापति वीरेंद्र कुकरेजा सहित स्वास्थ्य समिति सभापति मनोज चापले, अतिरिक्त आयुक्त अजिज शेख, उपायुक्त नितीन कापडणीस, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रदीप दासरवार, सतरंजीपुरा जोन के सहायक आयुक्त प्रकाश वर्हाडे, लक्ष्मीनगर जोन की सहायक आयुक्त सुवर्णा दखने, विभागीय अधिकारी दिनदयाल टेंभेकर, रामभाऊ तिडके सहित अन्य शामिल थे।
स्वच्छता को लेकर लोगों में कमाल की जागरूकता
इंदौर के अभ्यास दौरे पर पहुंचे नागपुर महानगरपालिका के प्रतिनिधि मंडल ने वहां की स्वच्छता उपक्रमों की जानकारी ली। वहां देखा कि नागरिकों में स्वच्छता को लेकर कमाल की जागरूकता है। इंदौर शहर में प्रत्येक घर से कचरा अलग (सूखा और गीला) होकर बाहर निकलता है। इंदौर शहर में संपूर्ण कचरे का संकलन और परिवहन इंदौर महानगरपालिका ही करती है। इंदौर महानगरपालिका अंतर्गत 19 जोन में 85 वार्ड है। लगभग 600 कचरा गाड़ियां कचरा संकलन करती है। 85 वार्ड में एक-एक बड़ा वाहन है। शहर में कचरा संकलन के लिए 10 ट्रांसपोर्ट स्टेशन है। घर-घर से जमा किए जाने वाला कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन पर छोटी कचरा गाड़ियों से लाया जाता है। वहां से डंपिंग यार्ड में भेजा जाता है।
डंपिंग यार्ड में संपूर्ण कचरे पर प्रक्रिया की जाती है। बाजार परिसर में कचरा संकलन का कार्य तीन पारियों में किया जाता है। कचरा डंपिंग के लिए स्वतंत्र यूनिट है। कचरे से सीएनजी गैस तैयार की जाती है। कचरे से निर्मित होने वाली सीएनजी पर शहर बस परिवहन की 12 बसेस दौड़ती हैं। 31 मार्च 2019 तक संपूर्ण बसेस सीएनजी पर चलाने का संकल्प है। घर-घर से और व्यापारी प्रतिष्ठान से उठाया जाने वाले कचरे पर ‘उपयोग शुल्क’ वसूला जाता है। शहर के संपूर्ण बड़े रास्ते स्वच्छ करने के लिए स्वीपिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। फिलहाल 12 स्वीपिंग मशीन द्वारा रास्तों की सफाई शुरू है। स्वच्छता के लिए बड़े पैमाने पर मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। अधिकारियों की मानसिकता भी बदली है।