रेलवे स्टेशनों पर चलने वाले 6 क्लिनिक बंद करने का नोटिस, 1 रुपए ली जाती है डाक्टर की फीस 

रेलवे स्टेशनों पर चलने वाले 6 क्लिनिक बंद करने का नोटिस, 1 रुपए ली जाती है डाक्टर की फीस 

Tejinder Singh
Update: 2018-06-14 14:00 GMT
रेलवे स्टेशनों पर चलने वाले 6 क्लिनिक बंद करने का नोटिस, 1 रुपए ली जाती है डाक्टर की फीस 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रेलवे स्टेशनों पर सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने वाले वन रूपी क्लीनिक मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। 12 वन रूपी क्लीनिक में से रेलवे ने कुर्ला, घाटकोपर समेत छह क्लीनिक बंद करने का नोटिस दे दिया है। रेलवे के फैसले से नाराज वन रूपी क्लीनिक के सीईओ डॉक्टर राहुल घुले ने शुक्रवार ठाणे स्टेशन पर भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है। घुले के मुताबिक मध्य रेलवे ने घाटकोपर कुर्ला समेत छह स्टेशनों पर वन रूपी क्लीनिक बंद करने को कहा है। यही नहीं हर स्टेशन के लिए एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया है।

इसके अलावा मध्य रेलवे के अंबरनाथ, भांडुप, कलवा, उल्हासनगर, सायन, पनवेल, विक्रोली, चेंबूर स्टेशनों पर वन रूपी क्लीनिक शुरू करने की इजाजत नहीं दी जा रही है। जबकि इसके लिए हमने टेंडर हासिल किया है और रेलवे को आठ लाख रुपए का भुगतान किया है। घुले का आरोप है कि एक सांसद के दबाव में रेलवे वन रूपी क्लीनिक बंद करा रही है। साथ ही उनका आरोप है कि इसके पीछे फार्मा इंडस्ट्री भी हो सकती है। घुले के मुताबिक रेलवे उनसे क्लीनिक में 24 घंटे एमबीबीएस डॉक्टर रखने की मांग कर रही है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए बान्ड की शर्ते पूरी करना जरूरी कर दिया है। इसके चलते पिछले कुछ महीनों में हमें एमबीबीएस डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं। इसके बावजूद हम लोगों की सेवा की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

वन रुपी क्लिनिक बंद करने के फैसले के खिलाफ भूख हड़ताल करेंगे डॉ घुले
डॉ. घुले के मुताबिक अदालत में सुनवाई के दौरान रेलवे दावा करती है कि घायल यात्रियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उसके पास संसाधन नहीं है। लेकिन हम घायल यात्रियों को मुफ्त चिकित्सा उपलब्ध करा रहे हैं, फिर भी क्लीनिक बंद करने की साजिश हो रही है। घुले के मुताबिक अब तक वन रूपी क्लीनिक में 2100 घायलों का मुफ्त इलाज किया जा चुका है। इसके साथ चार प्रसव, दिल का दौरा पड़ने के बाद 15 लोगों का इलाज, 30 हजार लोगों के रक्तचाप का मुफ्त जांच वन रूपी क्लीनिक ने किया है। हमारे खिलाफ आज तक एक भी शिकायत रेलवे को नहीं मिली। घुले ने कहा कि लाखों रुपए खर्च कर हम मुश्किल में फंस गए हैं। भूख हड़ताल के अलावा रेलवे की मनमानी के खिलाफ लड़ने का हमारे पास कोई और तरीका नहीं है।

वहीं रेल अधिकारियों ने इस मामले में आधिकारिक रुप से कुछ भी बोलने से इनकार किया लेकिन उनका कहना है कि मीडिया के बजाय डॉ. घुले को अपनी परेशानी रेल विभाग के संबंधित अधिकारियों से साझा करनी चाहिए। बता दें कि रेलवे स्टेशनों पर चलने वाले वन रूपी क्लीनिक में लोग सिर्फ एक रूपए में डॉक्टरों की सेवाएं ले सकते हैं। इसके अलावा विभिन्न जांच भी काफी कम कीमत पर किए जाते हैं। 

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