दवाईयों और खाद्य पदार्थों में अमानक जिलेटिन के उपयोग पर नोटिस - हाईकोर्ट ने मांगा जवाब 

दवाईयों और खाद्य पदार्थों में अमानक जिलेटिन के उपयोग पर नोटिस - हाईकोर्ट ने मांगा जवाब 

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Update: 2019-09-14 08:00 GMT
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डिजिटल डेस्क जबलपुर। हाईकोर्ट में दवाईयों और खाद्य पदार्थों में अमानक जिलेटिन के उपयोग के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विशाल धगट की युगल पीठ ने केन्द्र सरकार, फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी दिल्ली और सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोलर ऑर्गनाइजेशन को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और डॉ. एमए खान की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि केन्द्र सरकार ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के तहत खाद्य पदार्थों की पैकिंग और स्टैंडर्ड के नियम बनाए है। इसके तहत यह स्टैंडर्ड बनाया गया है कि खाद्य पदार्थों में किस स्तर के जिलेटिन का उपयोग किया जाएगा। याचिका में कहा गया है कि खाद्य पदार्थों और दवाईयों में बड़े पैमाने पर अमानक जिलेटिन का उपयोग किया जा रहा है। 
चीन से आयात हो रहा अमानक जिलेटिन 
याचिका में कहा गया कि फार्मा इंडस्ट्रीज में बड़े पैमाने पर चीन से आयात होने वाले अमानक जिलेटिन का उपयोग किया जा रहा है। अमानक जिलेटिन से दवाईयां और कैप्सूल बनाई जा रही है। अमानक जिलेटिन से कैंसर जैसे घातक रोग हो रहे है। याचिकाकर्ताओं ने अथॉरिटी को पत्र लिखकर अमानक जिलेटिन की जांच करने और सैम्पल लिए जाने का अनुरोध किया था। अथॉरिटी ने इस संबंध में कोई भी कार्रवाई नहीं की। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय और शांति तिवारी ने तर्क दिया कि खाद्य पदार्थों में उपयोग हो रहे अमानक जिलेटिन के उपयोग को रोका जाए। सुनवाई के बाद युगल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
 

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