अमरावती में ऑर्गन ट्रान्सप्लांट हुआ सफल, पिता ने पुत्र को दी किडनी

अमरावती में ऑर्गन ट्रान्सप्लांट हुआ सफल, पिता ने पुत्र को दी किडनी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-04 17:01 GMT
अमरावती में ऑर्गन ट्रान्सप्लांट हुआ सफल, पिता ने पुत्र को दी किडनी

डिजिटल डेस्क, अमरावती। निजी अस्पताल में ऑर्गन ट्रान्सप्लांट के तीन प्रयास सफल रहे। इसके बाद विशेषज्ञ डाक्टरों ने किडनी ट्रांस्प्लांट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है। अबतक किडनी प्रत्यारोपण को लेकर मरीजों को बड़े शहरों में जाकर ऑपरेशन करवाना पड़ता था, लेकिन इस बार यह कार्य मल्टीस्पेशालिटी अस्पताल में सफलतापूर्वक हुआ। मरीज को नया जीवन प्रदान किया गया है। बुलढाणा जिला अंतर्गत जलगांव जामोद निवासी मरीज श्रीकांत टावरी (३२) को उनके पिता गोवर्धनदास टावरी (५८) ने किडनी देकर नया जीवन दिया। श्रीकांत टावरी पिछले 14 माह से किडनी की बीमारी से त्रस्त थे।

उनका इलाज खापर्डे बगीचा स्थित डॉ. अविनाश चौधरी के अस्पताल में चल रहा था। यहां उनका डायलिसिस किया जाता था। लेकिन श्रीकांत के स्वास्थ्य में सुधार होने की गुंजाइश नजर नहीं आ रही थी। श्रीकांत की हालत दिन ब दिन और नाजुक हो रही थी। डॉक्टरों ने श्रीकांत के परिवार के समक्ष किडनी प्रत्यारोपण का प्रस्ताव रखा। जिसके बाद श्रीकांत के पिता गोवर्धनदास टावरी ने श्रीकांत को अपनी किडनी देने का फैसला लिया। 

श्रीकांत टावरी शहर स्थित सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में 2 अप्रैल को भर्ती हुए। दोनों ही पिता और बेटे की 18 प्रकार की जांच हुई। जिसके पहले डॉ. अविनाश चौधरी और सिव्हील सर्जन श्यामसुंदर निकम ने किडनी प्रत्यारोपण के पूर्व स्टेट एथोरॉईज कमेटी की अनुमति ली। अनुमति मिलते ही बुधवार 4 अप्रैल को सुबह 10 बजे प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरु हुई। प्रत्यारोपण की यह प्रक्रिया साड़े तीन घंटे तक जारी रही। जिसमें नागपुर और अमरावती के विशेषज्ञों की टीम खासतौर से मौजूद थी। दोपहर 3 बजे के पश्चात प्रत्यारोपण प्रक्रिया पुरी तरह से सफल हुई। 

डाक्टरों का कहना है कि श्रीकांत पोलियोग्रस्त था। किडनी की तकलीफ का आभास होने के पश्चात उसने हिम्मत नहीं हारी और समय पर उपचार करवाता रहा। इस दौरान उसको कई प्रकार की बीमारियां भी जकड़ चुकी थी, लेकिन समय पर उपचार करने के चलते उसे किसी बात की तकलीफ नहीं हुई। किडनी प्रत्यारोपण प्रक्रिया के दौरान श्रीकांत की माता शोभा टावरी और श्रीकांत के भाई ताराचंद और बहन प्रिया टावरी इस मौजूद थे। जैसे ही डॉक्टरों ने प्रत्यारोपण प्रक्रिया सफल होने की बात बताई, उसी समय श्रीकांत के परिजन की आंखों से आंसू निकल पड़े। टावरी परिवार ने मौजूद सभी डॉक्टरों का आभार माना।

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