बकरियों की लूट और तस्करी के संगठित गिरोह का पर्दाफाश

खोडऱी पहाड़ लूट-हत्याकांड- 2 मीट कारोबारियों समेत 5 गिरफ्तार, 30 लाख का माल बरामद बकरियों की लूट और तस्करी के संगठित गिरोह का पर्दाफाश

Abhishek soni
Update: 2022-01-25 17:17 GMT
बकरियों की लूट और तस्करी के संगठित गिरोह का पर्दाफाश

डिजिटल डेस्क सतना। रामनगर थाना क्षेत्र के खोडऱी पहाड़ में 18 जनवरी की शाम को बकरी पालक लक्ष्मण पुत्र समना कोल 55 वर्ष, की हत्या और उर्मिला सिंह पति ललन सिंह गोंड़ 55 वर्ष, को बंधक बनाकर 36 बकरियां लूटने की सनसनीखेज वारदात का खुलासा कर पुलिस ने नाबालिग समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनके कब्जे से 136 भेड़-बकरी, 1 बाइक (एमपी 19 सीए- 8094) और बोलेरो व जायलो गाड़ी जब्त की गई हैं, जिनकी कीमत 30 लाख रुपए है। अब तक बदमाशों ने सतना जिले के रामनगर की 2, ताला की 2, मझगवां, उचेहरा, नागौद, सिविल लाइन और रामपुर की 1-1 घटनाओं के अलावा रीवा की 5 वारदातों को अंजाम देने का जुर्म स्वीकार किया है। पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि खोडऱी की घटना के बाद ऑपरेशन सुरक्षा चलाया गया, जिसकी कमान मैहर एसडीओपी हिमाली सोनी को सौंपी गई थी। उन्होंने अपनी टीम के साथ खोजबीन कर साइबर सेल और मुखबिरों की मदद से पतासाजी कराई, तो बकरी व्यवसाय से जुड़े नूर आलम पुत्र अब्दुल सलीम 38 वर्ष, निवासी नजीराबाद का नाम सामने आया, जिसके ऊचवाटोला स्थित फार्म हाउस में दबिश देकर भेड़-बकरियां बरामद की गईं और हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो आरोपी ने आजम पुत्र असलम खान 28 वर्ष, निवासी नजीराबाद के द्वारा अपनी बोलेरो क्रमांक एमपी 19 सीए- 7214 से 15 बकरियां लाने की जानकारी दी।
ऐसे जुड़ीं कडिय़ां ——
इस सुराग पर पुलिस ने फौरन आजम को पकड़ लिया, जिसने बताया कि उसके साथ आमिर पुत्र नासिर खान निवासी नजीराबाद, तवेरा लेकर रामनगर गया था। उसी ने बकरी लूटने वाले गिरोह को जंगल से रीवा के सीतापुर और काढ़ी गांव छोड़ा तो 15 बकरियां भी ले गया था। पुलिस ने आमिर के घर छापा मारा, पर वह हाथ नहीं आया, उसके पास 2 लग्जरी वाहन होने की बात सामने आई है। नूर और आजम के बयान पर बकरियों की लूट और तस्करी में शामिल मोहम्मद हमीद पुत्र गुलाब 30 वर्ष, निवासी तरहटी-सोहावल, थाना सिविल लाइन और बकरियों को लाने-ले जाने वाले बाबू उर्फ जफर पुत्र जाहिद अली 23 वर्ष, निवासी खूंथी, थाना कोतवाली, के साथ एक नाबालिग को भी गिरफ्तार किया गया है। इनमें से आजम, नूर और नाबालिग की संलिप्तता खोडऱी की घटना में सीधे तौर पर पाई गई है। पुलिस ने जफर के कब्जे से जायलो क्रमांक एमपी 19 सीए- 4181 भी बरामद कर ली है।
ये गिरोह करता था लूट —-
पहाड़ी और जंगली इलाकों में रेकी के बाद चरवाहों को बंधक बनाकर बकरियां लूटने की घटना को फरार आरोपी लाला पुत्र बड़े खान, उसका भाई दोदो खान, काला उर्फ नसीर साई पुत्र नत्थू 29 वर्ष एवं उसका भाई गढिय़ा उर्फ शब्बीर साई 28 वर्ष, लालू उर्फ शब्बरी पुत्र सेकन साई, उसका भाई मोटा साई 25 वर्ष, सभी निवासी बम्हौरी-चरखारी, जिला महोबा, राजे उर्फ राजू उर्फ दारूखोर पुत्र करीम खां 35 वर्ष, निवासी महोबा (यूपी) अंजाम देते थे। बकरियां हाथ लगने पर ये आरोपी आमिर उर्फ चुन्नू खान, बाबू उर्फ जफर और आजम को सूचना देते थे, जो उनकी बताई जगह पर गाडिय़ां लेकर पहुंच जाते थे और बकरियां लाकर नूर आलम, हामिद खान के अड्डों पर उतार देते थे, जो शनिवार और मंगलवार को भटनवारा, उचेहरा, सोहावल और माधवगढ़ की मंडियों में सप्लाई कर सतना समेत जिले और राज्य के बाहर भी भेजते थे। नसीर और शब्बीर के पिता नत्थू व चाचा लब्बू वर्ष 2018 से कोठी थाना क्षेत्र के एक वारदात में गिरफ्तार होकर जेल में बंद हैं।
पहचान बदलने में माहिर हैं यूपी के बदमाश —-
मूलत: चरखानी और बम्हौरी के निवासी आरोपी हर वारदात के बाद डेरा उठाकर भाग जाते थे। अलग-अलग जगह पर अलग-अलग नाम से पहचान पत्र, आधार कार्ड बनवा रखे थे, तो पुलिस और लोगों को चकमा देने के लिए डेरे में महिलाओं व बच्चों को हमेशा कवच की तरह इस्तेमाल कर रहे थे। पिछले 5 साल में चरवाहों को बंधक बनाकर अथवा मारपीट कर भेड़-बकरी लूटने की 48 घटनाएं जिले में दर्ज की गईं हैं। पूरी कार्रवाई में एडिशनल एसपी सुरेन्द्र जैन, सिविल लाइन टीआई अर्चना द्विवेदी, रामनगर के कार्यवाहक थाना प्रभारी नागेश्वर मिश्रा और साइबर सेल ने अहम भूमिका निभाई।

 

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