संसद में उठा पुलगांव विस्फोट में मारे गए जवानों का मसला, महात्मे ने घुमंतू समाज के लिए बजट में मांगा प्रावधान

संसद में उठा पुलगांव विस्फोट में मारे गए जवानों का मसला, महात्मे ने घुमंतू समाज के लिए बजट में मांगा प्रावधान

Tejinder Singh
Update: 2019-07-01 14:37 GMT
संसद में उठा पुलगांव विस्फोट में मारे गए जवानों का मसला, महात्मे ने घुमंतू समाज के लिए बजट में मांगा प्रावधान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भाजपा सांसद रामदास तड़स ने पुलगांव स्थित केन्द्रीय गोला-बारूद भंडार में हुए विस्फोट में मारे गए 19 जवानों को शहीद का दर्जा देने और उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर जल्द सरकारी नौकरी देने की मांग की है। उन्होने यह मांग सोमवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाई। तड़स ने कहा कि विगत 31 मई, 2016 को पुलगांव के केन्द्रीय गोला बारूद भंडार में हुए विस्फोट में 19 जवान शहीद हुए थे। इनमें 13 फायरमैन और 6 फौजी थे। इस दर्दनाक घटना में मारे गए जवानों को शहीद का दर्जा दिया जाना था और साथ ही उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सरकारी सेवा में लेना था। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। सांसद ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से आग्रह किया है कि पुलगांव गोला बारूद भंडार में शहीद हुए 19 जवानों के परिवार को सभी तरह की सरकारी व्यवस्था कराएं ताकि संंतप्त परिवार इस विपत्ति का सामना कर सके।

घुमंतू समाज के लिए बजट में हो 10 हजार करोड़ का प्रावधान 

उधर राज्यसभा सांसद डॉ विकास महात्मे ने केन्द्र सरकार से विमुक्त, घुमंतू और अर्द्व-घुमंतू समुदाय के कल्याण के लिए आने वाले बजट में 10 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान करने की मांग की है। उन्होने यह मांग केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री व राज्यसभा में सदन के नेता थावरचंद गहलोत को पत्र लिखकर और व्यक्तिगत रूप मिलकर रखी है। डॉ महात्मे ने फरवरी 2019 में इस समुदाय के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन विकास कल्याण बोर्ड का गठन करने के लिए उनका आभार जताया और कहा कि घुमंतू समाज को समाज की मुख्यधारा में लाने और उन्हंे स्थिरता प्रदान करने की सख्त जरूरत है। उन्होने कहा कि घुमंंतू समाज का तब तक कल्याण नहीं होगा, जब तक वे घुमंतू बने रहेंगे। इस समुदाय को पहले स्थिरता प्रदान करनी होगी और इनकी सोंच बदलनी होगी। सांसद ने कहा कि घुमंतू होने के बजाए यदि वे एक जगह टिककर रहेंगे तो उनके बच्चों को शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी। डॉ महात्मे ने कहा कि इन जनजातियों को समाज की मुख्यधारा में लाने और उन्हंे एक ही जगह रोजगार, शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवा प्रदान कराने हेतु आने वाले बजट में 10 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया जाना चाहिए। जानकारी के मुताबिक थावरचंद गहलोत ने उन्हें आश्वस्त् किया है कि घुमुंतू समाज को सशक्त बनाने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश करेगी। 
 

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