सीएम के खिलाफ बयान पर बोले - प्रधानमंत्री भी संसद से गायब, अपना प्रभार किसी और को सौंप दें

पटोले का पलटवार सीएम के खिलाफ बयान पर बोले - प्रधानमंत्री भी संसद से गायब, अपना प्रभार किसी और को सौंप दें

Tejinder Singh
Update: 2021-12-22 14:23 GMT
सीएम के खिलाफ बयान पर बोले - प्रधानमंत्री भी संसद से गायब, अपना प्रभार किसी और को सौंप दें

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा की तरफ से महाराष्ट्र विधान मंडल के शीत सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की गैर मौजूदगी पर सवाल उठाए जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि संसद के शीतकालिन सत्र में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नहीं जा रहे हैं । ऐसे में उन्हें भी अपना प्रभार एक मंत्री को सौंप देना चाहिए। विधानभवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में पटोले ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का स्वास्थ्य पहले से  अच्छा है। वह अधिवेशन के दौरान सदन में मौजूद रहेंगे। हमने उनसे चर्चा की है लेकिन विपक्ष बिना वजह इसका राजनीतिकरण कर रहा है। यदि प्रधानमंत्री सदन में नहीं है तो उसका प्रभार किसी अन्य मंत्री को दिया जाना चाहिए। राज्य में सरकारी भर्ती के मुद्दे पर सदन में बोलते हुए नाना पटोले ने कहा कि, हमारी मांग है कि पेपर लीक की  घटनाओं पर सदन में चर्चा होनी चाहिए. क्योंकि राज्य के लोगों को पता होना चाहिए कि ये घोटाले कहां से शुरू हुए और कहां तक इसके तार जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि इस वजह से युवाओं को हो रही असुविधा का समर्थन कोई नहीं कर सकता। लेकिन लोगों को पता होना चाहिए कि सरकार इस पर क्या कार्रवाई कर रही है। पटोले ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि घोटालों को लेकर उनके पास भी दस्तावेज हैं

पीएम मोदी को लेकर विधानसभा में हंगामा, माफी के बाद शांत हुआ विपक्ष 

शिवसेना विधायक भास्कर जाधव द्वारा विधानसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नकल उतारने पर विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने आक्रामक रुख अपना लिया। जाधव की हरकत भाजपा सदस्यों को इतनी नागवार गुजरी कि वे माफी मांगे बिना सदन की कार्यवाही आगे न चलने देने पर अड़ गए। इस दौरान हंगामें के चलते दो बार विधानसभा की कार्यवाही 15-15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। आखिरकार भास्कर जाधव ने माफी मांगी जिसके बाद कामकाज शुरू हुआ। पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब बुधवार को विधानसभा में बिल न भरने के चलते राज्य भर में लोगों के बिजली कनेक्शन काटे जाने के मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी। भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार ने ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत को 100 यूनिट बिजली का बिल माफ करने के वादे की याद दिलाई। इसका जवाब देते हुए राऊत ने कहा कि कोरोना के चलते हालात और स्थितियां बदल गईं और यह संभव नहीं रहा। कंपनियों को बिजली खरीदकर देनी होती है उसका खर्च कहां से आएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किसानों को 50-50 लाख रुपए देने का वादा किया था उसका क्या हुआ? इस पर आपत्तिजताते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि "मैं राऊत को चुनौती देता हूं कि वे इस बयान का कोई रिकॉर्ड या सबूत पेश करें। इसके बाद विपक्ष के दूसरे सदस्यों ने भी आक्रामक रुख अपना लिया। 

भास्कर जाधव की इंट्री से बढ़ा विवाद 

आरोप प्रत्यारोप के बीच शिवसेना के भास्कर जाधव खड़े हुए और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण देने के अंदाज की नकल उतारते हुए कहा कि क्या उन्होंने 2014 के चुनावों से पहले मतदाताओं से उसके खाते में 15-15 लाख रुपए डालने की बात नहीं कही थी। लेकिन इस तरह प्रधानमंत्री मोदी की नकल उतारे जाने से फडणवीस समेत तमाम भाजपा विधायक नाराज हो गए और उन्होंने भास्कर जाधव से माफी मांगने या उन्हें निलंबित करने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। 

नहीं सहेंगे मोदी का अपमान 

विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा कि अगर विपक्षी सदस्य इसी तरह सत्ता पक्ष के नेताओं की नकल उतारकर बात करना शुरू कर दे तो क्या इसे सहन किया जाएगा। मुनगंटीवार ने कहा कि अगर इसकी इजाजत दी गई तो विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचेगी। फिर किसी और को ऐसा करने से नहीं रोका जा सकेगा। विपक्ष के लगातार आक्रामक रुख को देखते हुए पहले जाधव ने अपने शब्द वापस लेने की बात कही लेकिन फडणवीस ने कहा कि किसी कीनकल कर उसे वापस नहीं लिया जा सकता मामले में जाधव को माफी मांगनी ही होगी। संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब और जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील ने भी कहा कि सदन में प्रधानमंत्री की इस तरह नकल उतारना ठीक नहीं है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कार्यवाही के वीडियो की जांच कर मामले पर फैसला करने को कहा लेकिन विपक्ष के तीखे तेवर बरकरार रहे तो जाधव ने माफी मांग कर मामला रफा दफा किया।

फडणवीस को मिला पटोले का साथ

ग्रामीण इलाकों में बकाएदारों की बिजली काटने के मुद्दे पर विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाया। फडणवीस ने कहा कि गांव के गांव अंधेरे में हैं लोग परेशान हैं। ऐसे में सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती। इस मुद्दे पर ऊर्जामंत्री के बयान से असंतुष्ट विपक्ष ने प्रस्ताव को सुरक्षित रखकर इस पर बाद में चर्चा की मांग की क्योंकि कुछ मुद्दों के जवाब देने के लिए वित्तमंत्री सदन में मौजूद नहीं थे। कांग्रेस के नाना पटोले ने भी अपनी ही पार्टी के ऊर्जा मंत्री राऊत के बजाय फडणवीस का साथ देते हुए कहा कि बिजली काटे जाने के मुद्दे पर लोगों में भारी नाराजगी है। सरकार को इस मुद्दे पर लोगों को राहत देने वाला फैसला करना होगा। विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के लोगों द्वारा भी मामले में सवाल उठाए जाने के बाद ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को सुरक्षित रख लिया गया। 

 

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