राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है ओबीसी आरक्षण के खिलाफ दायर याचिका : हाईकोर्ट में सरकार की दलील 

राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है ओबीसी आरक्षण के खिलाफ दायर याचिका : हाईकोर्ट में सरकार की दलील 

Tejinder Singh
Update: 2019-01-21 15:20 GMT
राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है ओबीसी आरक्षण के खिलाफ दायर याचिका : हाईकोर्ट में सरकार की दलील 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के खिलाफ दायर याचिका का राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट में विरोध किया है। सरकार ने हाईकोर्ट में दावा किया कि यह याचिका राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है, इसलिए इस पर सुनवाई न की जाए। राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि याचिकाकर्ता बालासाहेब सराटे ने मराठा आरक्षण को लेकर एक अभ्यासक के रुप में काम किया है, पर अब ओबीसी आरक्षण का विरोध कर रहे है जो की उचित नहीं है। 

उन्होंने कहा कि 1995 में ओबीसी को आरक्षण देने का निर्णय किया गया था अब 2019 में इसे चुनौैती देने कैसे उचित माना जा सकता है? याचिका में ओबीसी आरक्षण को असंवैधानिक व नियमों के विपरीत होने का दावा किया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि जिस तरह से सरकार ने मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर समुदाय की सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक स्थिति का अध्ययन किया है वैसा अध्ययन ओबीसी को आरक्षण देने को लेकर नहीं किया गया और न ही आरक्षण का निर्णय लेने से पहले कोई आकड़ा जुटाया गया है। 

सोमवार को न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आई। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने सरकार को मामले को लेकर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 4 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। 
 

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