पटोले सहित दूसरे नेताओं के फोन टैपिंग मामले की होगी जांच

पटोले सहित दूसरे नेताओं के फोन टैपिंग मामले की होगी जांच

Tejinder Singh
Update: 2021-07-06 15:21 GMT
पटोले सहित दूसरे नेताओं के फोन टैपिंग मामले की होगी जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई। साल 2016-17 में नाना पटोले और दूसरे नेताओं के फोन टेप किए जाने के मामले की राज्य सरकार उच्च स्तरीय जांच कराएगी। मामले में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को विधानसभा में गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। कानून के मुताबिक एसीएस (गृह) को कारण बताकर मंजूरी लेने के बाद फोन टेप किया जा सकता है। फोन किस आधार पर और कैसे टेप किया गया इसकी जांच की जाएगी। इससे पहले नाना पटोले ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि उन्हें समाचार माध्यमों से जानकारी मिली है कि साल 2016-17 में सांसद रहते उनका फोन टेप किया गया। उनका नंबर अमजद नाम और काम ड्रग्स तस्करी बताकर फोन टेप किया गया। पटोले ने कहा कि सिर्फ उनका नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री दानवे के पीए और संजय काकडे समेत कई लोगों के फोन टेप किए गए हैं। पटोले ने कहा कि मुस्लिम नाम रखकर उनका फोन क्यों टेप किया गया क्या इसके पीछे हिंदू मुस्लिम विवाद पैदा करने की साजिश थी। 

पटोले ने कहा कि पुणे से यह फोन टेप किए गए। इसके पीछे क्या मकदस था यह सामने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि फोन किसके इशारे पर टेप किए गए और इसका सूत्रधार कौन है। उन्होंने पूछा कि फोन टेप करने की क्या प्रक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत गोपनीयता बहुत जरूरी मुद्दा है जिसका उल्लंघन किया गया। पटोले ने कहा कि कई मंत्रियों के भी फोन टेप किए गए हैं। यह कोई अधिकारी खुद नहीं कर सकता। शिवसेना विधायक सुनील प्रभू ने भी इसे गंभीर मामला बताते हुए इस मामले की छानबीन कर रिपोर्ट सदन के पटल पर रखने की मांग की। जिसके बाद गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने मामले की उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन दिया। 

राजेश (राजू) साप्ते आत्महत्या मामले की जांच

जबरन वसूली के चलते परेशान होकर कला निर्देशक राजेश साप्ते के आत्महत्या करने के मामले की भी विस्तृत जांच की जाएगी। गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी। कांग्रेस के नाना पटोले ने यह मुद्दा विधानसभा में उठाते हुए दावा किया कि एक भाजपा विधायक के संगठन से जुड़े लोगों के उत्पीड़न से परेशान होकर साप्ते ने आत्महत्या की। शिवसेना के रविंद्र वायकर ने कहा कि फिल्म सिटी में गिरोहबंदी और वसूली के चलते हत्याएं तक हुईं हैं। ऐसे समय जब फिल्म उद्योग को महाराष्ट्र से बाहर ले जाने की कोशिश हो रही है ऐसी घटनाएं बेहद गंभीर हैं। गृहविभाग को मामले की जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए। इसके बाद गृहमंत्री वलसे पाटील ने आश्वासन दिया कि वे राज्य के पुलिस महानिदेशक और दूसरे आला अधिकारियों के साथ बुधवार को इस मुद्दे पर बैठक करेंगे और मामले में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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