ऑनलाइन लॉटरी को लेकर दायर जनहित याचिका हुई खारिज

ऑनलाइन लॉटरी को लेकर दायर जनहित याचिका हुई खारिज

Tejinder Singh
Update: 2017-11-20 15:21 GMT
ऑनलाइन लॉटरी को लेकर दायर जनहित याचिका हुई खारिज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ऑनलाइन लॉटरी से राज्य को होने वाले नुकसान की जांच की मांग को लेकर दायर याचिका को बांबे हाईकोर्ट ने खारिज किया है। सामाजिक कार्यकर्ता राजीव मिश्रा की ओर से दायर याचिका में अनुरोध किया गया था कि सभी ऑनलाइन लॉटरी योजनाओं की जांच का निर्देश दिया जाए। ताकि ऑनलाइन लॉटरी से राज्य को होने वाले राजस्व के नुकसान का पता लगाए जा सके। मुख्य न्यायाधीश मंजूला चिल्लूर और न्यायमूर्ति एमएस सोनक की खंडपीठ ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि सरकार का संबंधित विभाग ऑनलाइन लॉटरी से जुड़े मुद्दों पर नजर बनाए हुए हैं।

 

याचिका का ठोस आधार और सबूत जरुरी

 

इस मामले में विभाग के अधिकारी शांत नहीं बैठे हैं। जहां तक बात याचिका में उठाए गए मुद्दे की है, तो उसको लेकर पर्याप्त सबूत नहीं जोड़े गए। कोर्ट के मुताबिक माना की कई लोगों के हित से जुड़े मुद्दे को लेकर कोई भी अदालत में जनहित याचिका दायर कर सकता है, लेकिन याचिका का ठोस आधार और सबूत होना जरुरी है। एक समानांतर प्रशासन चलाने के इरादे से किसी भी जनहित याचिका दायर करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इससे प्रशासन का कामकाज प्रभावित होता है। मौजूदा याचिका के साथ याचिकाकर्ता ने कोई ठोस सबूत नहीं जोड़ें हैं। इस दौरान अदालत को बताया गया कि इस विषय पर लोकायुक्त के पास भी शिकायत की गई थी। जिसका लोकायुक्त ने मार्च 2017 में निपटारा कर दिया गया है।

 

व्यक्तिगत उद्देश्यों की पूर्ति के लिए नहीं स्वीकार कर सकते याचिका

 

खंडपीठ ने कहा कि हम सिर्फ याचिकाकर्ता को संतुष्ट करने और व्यक्तिगत उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जनहित याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते है। जनहित याचिका समाज के विकास के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है, बशर्ते यह ठोस आधार व सबूत जुटा कर दायर की जाए। मौजूदा याचिका हमे सुनवाई के योग्य नजर नहीं आती, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।

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