बाल विवाह को लेकर बांबे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

महाराष्ट्र बाल विवाह को लेकर बांबे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

Tejinder Singh
Update: 2022-03-25 15:44 GMT
बाल विवाह को लेकर बांबे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में बाल विवाह को लेकर बांबे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में बाल विवाह प्रतिबंधित कानून (पीसीएमए) को सख्ती से लागू न किए जाने के मुद्दे को भी उठाया गया है। अधिवक्ता असीम सरोदे व अजिंक्य उडाने के माध्यम से दायर की गई याचिका में दावा किया गया है कि राज्य में बड़े पैमाने पर बाल विवाह होते हैं लेकिन ऐसे विवाह की वास्तविक संख्या कभी सामने नहीं आ पाती है।  याचिका के मुताबिक कम उम्र में विवाह होने के चलते लड़की के जीवन में विपरीत असर पड़ता है। लड़किया शिक्षा व अच्छी सेहत पाने के अधिकार से वंचित होती हैं। इसके चलते उम्र लड़किया आर्थिक परेशानी झेलती है। कम आयु में विवाह के चलते वे जल्दी गर्भवती हो जाती है। इसका उनके सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसलिए जरुरी है कि पीसीएमए कानून को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। 

याचिका में सुझाव स्वरुप मांग की गई है कि पीसीएमए कानून को सख्ती से लागू करने के लिए पूरे राज्य में कार्यकारी अधिकारियों की नियुक्ति की जाए। इस अधिकारी के मत को कानूनी महत्तव दिया जाए। जो मामला दर्ज कराने व जांच करने का आधार हो सके। बाल विवाह से मामलो के लिए पुलिस अधिकारियों के अधिकार को भी बढाया जाए। याचिका में आग्रह किया गया है कि विशेष बाल पुलिस इकाई बनाने की दिशा में भी कदम बढाए जाए। क्योंकि बालविवाह रुपी सामाजिक कुरिती का खात्मा होना जारुरी है। इसलिए पीसीएमए कानून के लागू करने के लिए नियम तैयार किए जाए। याचिका में आग्रह किया गया है कि बाल विवाह के प्रकरण में मामला तो दर्ज हो ही। इसके साथ ही ऐसे विवाह को रद्द करना भी सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट की ओर से इस मामले को लेकर उपयुक्त दिशा-निर्देश जारी किए जाए। याचिका में कहा कि गया है कि इस विषय को लेकर चाइल्ड लाइन व अन्य गैर सरकारी संस्थाओं की कमेटी भी बनाई जाए। 

 

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