पीएम मोदी ने देश के पहले आयुर्वेद संस्थान का उद्घाटन किया
पीएम मोदी ने देश के पहले आयुर्वेद संस्थान का उद्घाटन किया
डिजिटल डेस्क,दिल्ली। आयुर्वेद दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) का उद्घाटन किया। दिल्ली के सरिता विहार में बनाए इस इंस्टीट्यूट को एम्स की तर्ज पर बनाया गया है। AIIA की स्थापना आयुष मंत्रालय के तहत शीर्ष संस्थान के रूप में की गई है जो आयुर्वेद और आधुनिक उपचार पद्धति एवं प्रौद्योगिकी के बीच सामंजस्य स्थापित करने का काम करेगा।
इसके फर्स्ट फेस की स्थापना 10 एकड़ क्षेत्र में की गई है और इस पर 157 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। यह नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल (NABH) से मान्यता प्राप्त अस्पताल है और इसमें एक अकादमिक ब्लॉक भी है। इस मौके पर आयुर्वेदिक इलाज को लेकर गाइडलाइन भी जारी किया गया। पूरे देश के लगभग 1500 प्रतिभागी इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं।
क्या बोले पीएम मोदी ?
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो अपने देश की संस्कृति और विरासत पर गर्व नहीं कर सकता है वो आगे नहीं बढ़ सकता है। कोई भी देश अपनी विरासत को भूलकर प्रगति नहीं कर सकता है। हम अपनी विरासत को भूल चूके थे ,लेकिन अब ऐसा नहीं है।आयुर्वेद सिर्फ चिकित्सा पद्धति नहीं, इसके दायरे में सामाजिक स्वास्थ्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण स्वास्थ्य जैसे अनेक विषय भी आते हैं। इसी आवश्यकता को समझते हुए ये सरकार आयुर्वेद,योग और अन्य आयुष पद्धतियों के Public Healthcare system में integration पर जोर दे रही है। आयुर्वेद के विस्तार के लिए ये बहुत आवश्यक है कि देश के हर जिले में इससे जुड़ा एक अच्छा, सारी सुविधाओं से युक्त अस्पताल जरूर हो। इस दिशा में आयुष मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है और तीन वर्षों में ही 65 से ज्यादा आयुष अस्पताल विकसित किए जा चुके हैं। देश भर में तीन साल में 65 आयुर्वेद अस्पताल खुले हैं। 21 जून को लाखों की संख्या में बाहर निकलकर योग दिवस मनाते हैं, तो अपनी विरासत के इसी गर्व से भरे होते हैं जब अलग-अलग देशों में उस दिन लाखों लोग योग करते हैं, तो लगता है कि लाखों लोगों को जोड़ने वाला ये योग भारत ने दिया है।
पिछले साल ही शुरू हुआ आयुर्वेद दिवस
बता दें कि देश में आयुर्वेद दिवस पिछले साल से मनाना शुरू किया गया है। धनवंतरी के मौके पर इसकी शुरुआत हुई। इसका मकसद भारत के पारंपरिक आयुर्वेद इलाज को बढ़ावा देना है। धनवंतरी को स्वास्थ्य का देवता माना जाता है। जो देवी-देवताओं में काफी मान्य देवता हैं।