बिना जांच किए पुलिस सीधे दर्ज नहीं कर सकती मामला

बिना जांच किए पुलिस सीधे दर्ज नहीं कर सकती मामला

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-22 08:37 GMT
बिना जांच किए पुलिस सीधे दर्ज नहीं कर सकती मामला

सरपंच-सचिव के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करके हाईकोर्ट ने दिया फैसला
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
एक अहम फैसले में हाईकोर्ट ने कहा है कि बिना जांच किए पुलिस दंप्रसं की धारा 188 और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 के तहत सीधे मामला दर्ज नहीं कर सकती। मामला आचार संहिता के दौरान एक सड़क के निर्माण से संबंधित था। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकलपीठ ने दो मामलों पर फैसला देते हुए सिवनी जिले की लखनवाड़ा के ग्राम कन्हार की महिला सरपंच व सचिव के खिलाफ दर्ज प्रकरणों को कानून की नजर में अनुचित पाकर निरस्त कर दिया।
महिला सरपंच जानकी बाई और सचिव भगवत प्रसाद की ओर से दायर याचिकाओं में कहा गया था कि सीसी रोड निर्माण की स्वीकृति 2 अप्रैल 2019 को मिलने के बाद उनके खाते में राशि आई और उन्होंने निर्माण कार्य शुरु करा दिया। इसी बीच 9 अप्रैल 2019 से लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहित लागू हो गई। आवेदकों का आरोप था कि आचार संहिता के दौरान सड़क निर्माण के कार्य पर सवाल उठाते हुए कुछ लोगों ने ब्लॉक पंचायत अधिकारी को शिकायत दी। इस पर ब्लॉक पंचायत अधिकारी ने आवेदकों के खिलाफ थाना लखनवाड़ा को शिकायत दी, जिस पर पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 188 तथा जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया था। इस पर यह पुनरीक्षण याचिका दायर करके पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को चुनौती दी गई थी। मामलों पर हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओ की ओर से अधिवक्ता सौरभ शर्मा ने पक्ष रखा। सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला दिया। फैसले में पिछले आदेशों का हवाला देकर अदालत ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर अनुचित पाते हुए निरस्त कर दीं।

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