शहर में घुसपैठ कर रहे नक्सलवाद पर पुलिस की नजर - CP उपाध्याय

शहर में घुसपैठ कर रहे नक्सलवाद पर पुलिस की नजर - CP उपाध्याय

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-05 06:19 GMT
शहर में घुसपैठ कर रहे नक्सलवाद पर पुलिस की नजर - CP उपाध्याय

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पहले जगंलों तक सीमित रहने वाला नक्सलवाद अब शहर में घुसपैठ कर रहा है। शहर में घुसपैठ कर रहे इस शहरी नक्सलवाद को बढ़ने नहीं दिया जाएगा। इस पर पुलिस की नजर लगी हुई है। नागपुर शहर को भयमुक्त शहर बनाना है। पुलिस की कार्रवाई में पारदर्शिता लाए जाने का प्रयास भी हो रहा है। इससे पुलिस विभाग की किसी भी कार्रवाई पर संदेह की नजर नहीं होगी। यह प्रतिक्रिया शहर पुलिस आयुक्‍त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय ने व्यक्त की। वे प्रेस क्‍लब में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सुरक्षित शहर बनाने के लिए हर संभव  प्रयास किए जा रहे हैं। यहां पर महिला, वरिष्ठ नागरिक, युवतियां-छात्राओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। सज्जनों की रक्षा और दुर्जनों को सजा दिलाने के लिए पुलिस तत्पर रहती है।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए दामिनी दस्ते को फिर से पुनर्जीवित किया जाएगा। पुलिस थानों में कई बार कर्मचारी शिकायतकर्ता और नागरिकाें से असभ्य तरीके से पेश आते हैं। इससे पुलिस विभाग की प्रतिमा मलीन हो रही है, थानेदारों को सूचना देकर  इसे सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। ऑपरेशन क्रैक डाउन, कोम्बिंग ऑपरेशन आैर नाकाबंदी लगातार शुरू रखकर अपराध पर अंकुश लगाने की कोशिश की जा रही है।

ऑपरेशन क्रैक डाउन को गंभीरता से नहीं लेने वाले पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक अपराधी पर नजर रखने के लिए पुलिस ने लक्ष्य तय कर रखा है। इस दौरान प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रदीप मैत्र, शिरीष बोरकर, ब्रम्हाशंकर त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।  

यातायात व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा 
शहर की यातायात व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा है। मेट्रो का कार्य शुरू रहने के कारण यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने की कोशिश पुलिस विभाग कर रहा है। लड़खड़ाती यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए पेड़ के नीचे खड़े रहने वाली यातायात पुलिस कर्मियों की पद्धति को बंद किया जाएगा। चौक में उपस्थित नहीं रहने वाले कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए एक विशेष दस्ता तैयार किया गया है। यातायात नियमों के उल्लंघन को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सिर्फ दंड भरने की धमकी देकर पुलिस पैसे मांग रही है तो सीधे फोन कर जानकारी दे सकते हैं। इस मामले में निश्‍चित ही कार्रवाई की जाएगी। यातायाता पुलिस विभाग की छवि को सुधारने व यातायात व्यवस्था में सुधार लाने के लिए जल्द ही 120 कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। 

नागपुर की अपेक्षा दूसरे शहरों में अपराध अधिक हैं
नागपुर को क्राइम सिटी के रूप में पहचाने जाने की बात निराधार है। नागपुर की अपेक्षा अन्य आयुक्तालय में अपराध अधिक हैं। नागपुर शहर से अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस प्रयासरत है। क्रिकेट सट्‌टेबाजी, जुआ, वरली-मटका और अवैध शराब बंदी करने के लिए लगातार पुलिस की छापामार कार्रवाई की जा रही है। शहर में ऑटो चालकों की मनमानी रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही शहर में बढ़ते साइबर अपराध को रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीकी का उपयोग किया जाएगा। साइबर सेल विभाग को आधुनिक मशीन दी जा रही हैं। साइबर क्राइम का स्टाफ भी बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही इकोनॉमिक विंग के माध्यम से संपत्ति से जुड़े अपराध की जांच हाईटेक पद्धति से की जाएगी। भूमाफिया आैर गली के गुंडों का बंदोबस्त किए जाने का विशेष प्रयास शुरू है। 
 

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