गर्भपात के मामले को पुलिस ने दर्ज किया मौत का मामला, पुलिस कर्मियों की लापरवाही

गर्भपात के मामले को पुलिस ने दर्ज किया मौत का मामला, पुलिस कर्मियों की लापरवाही

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-21 08:38 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर।  प्रताप नगर थाने में दर्ज हुए आकस्मिक मृत्यु के मामले को रद्द किया जाने वाला है। प्रकरण को बगैर किसी की मौत हुए गलतफहमी में दर्ज किया गया है। इसके लिए मेडिकल पुलिस चौकी का संबंधित पुलिस सिपाही और थाने के कर्मचारी को जिम्मेदार माना जा रहा है। घटित प्रकरण में एक महिला का गर्भपात हुआ है, जिसे आकस्मिक मृत्यु के तौर पर दर्ज किया गया है।

पूरी की गई कानूनी प्रक्रिया
मामला इस प्रकार है। स्वरूप नगर निवासी गुंजन (21) और निखिल मोरे का हाल ही में प्रेम विवाह हुआ है। गुंजन पांच महीने की गर्भवती थी। इस बीच गुंजन के पेट में तेज दर्द होने पर उसे मेडिकल अस्पताल लाया गया। दर्द के कारण गुंजन और उसके परिजनों की सहमति से चिकित्सकों ने उसका गर्भपात करने का निर्णय लिया। उसे मेडिकल अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। गुंजन का गर्भपात किया गया। मेडिकल पुलिस चौकी से संबंधित पुलिसकर्मी ने प्रताप नगर थाने को फोन कर बताया कि गुंजन के पेट में ही उसके होने वाले बच्चे की मौत हो गई, जबकि चिकित्सकों के अनुसार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। इसमें किसी तरह का मामला भी नहीं बनता है। बावजूद संबंधित पुलिस द्वारा गलत सूचना देने अथवा गलत सुनने के कारण प्रकरण को आकस्मिक मृत्यु के तौर पर दर्ज िकया गया। 

चिकित्सकों ने कहा- नहीं हो सकता पोस्टमार्टम
प्रकरण दर्ज होने के कारण यह सवाल उठा कि पांच माह के इस भ्रूण का पोस्टमार्टम होना चाहिए। थानाधिकारी भीमराव खंडारे ने प्रकरण के संबंध में बुधवार को मेडिकल के चिकित्सकों से पत्र व्यवहार िकया, जिससे चिकित्सकों का कहना था कि पांच महीने के गर्भ का पोस्टमार्टम होना संभव नहीं है। इससे कानूनी प्रक्रिया के तहत प्रकरण को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। घटित प्रकरण को लेकर दिन भर पुलिस अधिकारी और चिकित्सकों में माथापच्ची चलती रही। गुंजन और उसके परिजनों ने भी प्रकरण में िकसी भी तरह की आपत्ति होने से इनकार िकया है, जिससे मामला रद्द करने की प्रक्रिया की जाएगी।
 

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