जबलपुर-नागपुर फोरलेन की मरम्मत इस अंदाज में कि मौत के मुँह में समा जाए वाहन चालक
जबलपुर-नागपुर फोरलेन की मरम्मत इस अंदाज में कि मौत के मुँह में समा जाए वाहन चालक
100-120 की रफ्तार से दौड़ते वाहन को स्टॉपर लगाकर राह बताने की कोशिश, रात में न संकेत, न रेडियम मार्क का उपयोग
डिजिटल डेस्क जबलपुर । किसी भी टोल वसूली वाली सड़क में समय पर सुधार या जरूरी पेंच वर्क आवश्यक पहलू है, पर रिपेयरिंग इस अंदाज में की जाए कि निकलने वालों की जान खतरे में पड़ जाए यह किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता है। जबलपुर-नागपुर फोरलेन सड़क पर जबलपुर-लखनादौन के हिस्से में कुछ ऐसा ही हो रहा है जिसमें एक दर्जन से अधिक स्थानों पर सुधार किया जा रहा है, पर बेहद लापरवाही भरे तरीकों से यह काम हो रहा है। सड़क पर जहाँ सीमेण्ट केमिकल पेस्ट लगाया जाता है उस हिस्से में बस दो-तीन स्टॉपर रखे और काम चालू। काम का यह तरीका भीड़ वाली सड़क पर चल सकता है जहाँ पर ट्रैफिक ज्यादा, वाहनों की रफ्तार कम होती है, लेकिन हाईवे पर तो यह जानलेवा साबित हो रहा है। कल्पना कीजिए आपका वाहन 100 और 120 की रफ्तार से चल रहा और अचानक किसी जगह ब्रेक लगाने की नौबत आ जाए। वाहन यदि एक हो तो नियंत्रित हो सकता है, लेकिन इतनी रफ्तार में पीछे से कोई और वाहन आ रहा हो तो इस हालत में पेंच वर्क वाली जगह पर मौत से सामना हर हाल में हो जाएगा। हाईवे पर इस तरह का गैर जिम्मेदारना तरीका कई लोगों की जान साँसत में डाल रहा है। एनएचएआई आम तौर पर अन्य निर्माण एजेंसियों के मुकाबले ज्यादा सटीक सड़क बनाने के लिए जाना जाता है, पर सुधार में गलती करेगा और लोगों की तकलीफ होगी ऐसी उम्मीद लोगों को नहीं रहती है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर सोमेश बांझल से इस संबंध में चर्चा की कोशिश की गई, लेकिन बात संभव नहीं हो सकी।
इन हिस्सों में जाएँ सँभलकर
जैसे ही आपका वाहन नागपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा तक जाने के लिए बरगी तक पहुँचेगा तो कई जगह काम होते दिख जाएगा। चूल्हा गोलाई, निगरी, बरगी, टेमर गाँव से आगे, कालादेही आदि अनेक स्थानों पर यह सुधार हो रहा है। जैसे ही शाम ढलती है उस समय इन हिस्सों से निकलना परेशानियों से भरा है। वाहन चालक को समझ ही नहीं आता है कि किस हिस्से से निकलना है। दूर से दिखाई ही नहीं देता है कि सड़क को बंद कर दिया गया है या सुधार हो रहा है। गति नियंत्रण में जरा सी लापरवाही बड़ा हादसा करा सकती है।