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Jabalpur News: बैगा आदिवासी बहुल पिपरिया की 700 एकड़ से ज्यादा जमीन बिकी
- कटनी के हैं सभी खरीददार
- करीब दो दशक से खरीदी जा रही जमीनें
- पिपरिया माल ग्राम पंचायत द्वारा ग्रामसभा के पारित प्रस्ताव के साथ कलेक्टर को जो अधिकृत पत्र लिखा गया है
Jabalpur News: साल के जंगलों के बीच बसे डिंडोरी जिले के बैगा आदिवासी बहुल पिपरिया माल में कटनी की आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन से जुड़े लोगों के लिए अब तक 700 एकड़ जमीन खरीदी जा चुकी है। बजाग अनुभाग अंतर्गत आने वाले पिपरिया माल ही नहीं बल्कि जल्दा और तांतर और बघरैली सानी में भी बाहरी जिलों के आदिवासियों के नाम पर इस क्षेत्र के बैगा आदिवासियों की जमीनों की खरीद-फरोख्त हुई है।
पिपरिया माल में माहौल इसलिए गरमाया हुआ है क्योंकि यहां आ रही बॉक्साइट की 273 तथा 41 हेक्टेयर की 2 खदानों को लेकर कंपनी से जुड़े लोगों की गतिविधियां बीते दो-तीन महीने से अचानक तेज हो गई थींं। इधर प्रशासनिक और कंपनी स्तर पर बढ़ी सक्रियता के बीच पिछले महीने की 10 तारीख को विजयराघवगढ़ (कटनी) के विधायक संजय पाठक भी बघरैली सानी पहुंचे।
इस दौरान उनकी अपनी टीम के साथ पिपरियामाल को लेकर भी चर्चा हुई। जैसे ही यह खबर पिपरिया माल पहुंची, लोगों ने यह माना कि अब यहां भी काम शुरू होगा और उन्हें गांव छोडऩा पड़ेगा। आनन-फानन में अगले ही दिन यानी 11 अप्रैल को ग्राम सभा की बैठक बुलाई गई और विरोध प्रस्ताव पास कर दिया गया। इस विरोध प्रस्ताव की जड़ में यहां के लोगों में औने-पौने दामों पर जमीनों की खरीदी से जुड़े आरोप प्रमुख थे।
पिपरिया माल की निजी जमीनों पर इसलिए कंपनी से जुड़े लोगों की नजर लगी हुई है क्योंकि सर्वाधिक भूमि निजी है और उस हर तरफ बॉक्साइट बिखरा पड़ा है। यहां तक कि गांव में खेतों व घरों की मुंडेर भी बॉक्साइट के पत्थरों की बनी हुई हैं।
विरोध के यह कारण गिनाए| बैठक के बाद प्रशासन को भेजे गये ग्राम सभा के सर्वसम्म्त प्रस्ताव में भी क्षेत्र में खुलने जा रही बॉक्साइट खदान के विरोध की वजह बैगा आदिवासियों को अंधेरे में रख कर कटनी के चार लोगों द्वारा 700 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीद लिया जाना बताया गया है। ये हैं नत्थूलाल पिता राममिलन गोंड निवासी कटनी (70.27 हेक्टेयर), प्रह्लाद पिता पद्दू निवासी कटनी (32.34 हेक्टेयर), राकेश सिंह पिता मोलई निवासी बर्मानी बरही (33.86 हेक्टेयर) तथा रघुराजसिंह पिता श्यामलाल निवासी सुतरी बरही (148.95 हेक्टेयर)।
पिपरिया माल ग्राम पंचायत द्वारा ग्रामसभा के पारित प्रस्ताव के साथ कलेक्टर को जो अधिकृत पत्र लिखा गया है उसमें 95 प्रतिशत भू-स्वामियों को गलत जानकारी देकर रजिस्ट्री कराने, अशिक्षित बैगाओं को उनकी जमीन का पूरा मूल्य नहीं बताने, खाते में पैसा जमा कराए जाने की बात कहते हुए रजिस्ट्रार कार्यालय ले जाने, बिना पैसा दिए रजिस्ट्री कराने और बाद में नाम मात्र का पैसा दिए जाने का आरोप भी शामिल है।
प्रशासन को सौंपे गए एक ज्ञापन पत्र में छद्म रूप से किसी अन्य के फोटो व अंगूठा हस्ताक्षर लगवा कर मनचाहे तरीके से जमीनों की खरीद-फरोख्त के भी आरोप लगाए गए हैं।
पड़ताल में सामने आया है कि पिपरिया माल व इसके अंतर्गत आने वाले सेंदुरखार, खारी टोला और दर्री टोला में करीब दो दशक से बाहरी जिलों के आदिवासियों के नाम पर जमीनें खरीदी जा रही हैं। विरोध चारों जगह है लेकिन 450 की आबादी वाले सेंदुरखार के बाशिंदें इस मामले में काफी आगे हैं। शत्रुघन सिंह नादिया, पुंद्रो, ग्वाल रखूड़िया सुखलाल, मानसिंह संता व लाल सिंह के अनुसार सालों से जमीनों की खरीद-फरोख्त का काम चल रहा है।
दो-तीन और पांच-दस हजार से लेकर 20 हजार रुपए एकड़ में अधिकांश जमीनें स्लीमनाबाद, कटनी, डिंडोरी व बजाग के दलालों ने बिकवा दीं। आज कल दाम करीब 40-50 हजार रुपए तक हो गए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष रूदेश परस्ते की बहन के हिस्से की 52 एकड़ जमीन भी बहुत पहले बिक गई थी। जमीनों को बेचे जाने बैगा आदिवासियों पर दबाव बनाए जाने की भी बात सामने आई है। सेंदुरखार का रमलू अपनी 12 एकड़ जमीन नहीं बेच रहा है लिहाजा उस पर दबाव ज्यादा है।
ग्रामसभा सहित ग्रामीणों के कथित आरोपों से आनंद माइनिंग से जुड़े लोगों के लिए पिछले तीन साल से जमीनों का सौदा करा रहे बजाग के जस्सू साहू इनकार करते हैं। वे दावा करते हैं कि हर जमीन का सरकारी मूल्य के अनुसार, चैक के माध्यम से पूरा भुगतान किया गया है। उनके द्वारा 10 हजार रुपए एकड़ के मेहनताने के बदले तीन साल में कराए गए 300 एकड़ जमीनों के सौदों को लेकर भी उनका यही दावा है। जस्सू के अनुसार अधिकांश लोगों ने दूसरे स्थानों पर जमीनें भी खरीद ली हैं।
Created On :   10 May 2025 6:06 PM IST