Jabalpur News: धान की धांधली में फेरों का खेल बोरों के बगैर बटोर डाले 43 करोड़

धान की धांधली में फेरों का खेल बोरों के बगैर बटोर डाले 43 करोड़
  • धान परिवहन घोटाले में उजागर हो रही चौंकाने वाली जानकारी, शंका यह भी परिवहन हुआ कि नहीं
  • जिला प्रशासन की टीम ने धान खरीदी के मामले में हुए घोटाले को उजागर किया है।
  • जानकारी के अनुसार कुल 243 फर्जी वाहनों से 1033 ट्रिप में 2,45,400 क्विंटल धान का परिवहन किया गया है

Jabalpur News: 43 करोड़ रुपए की धान खरीदी और परिवहन के मामले में जिला प्रशासन द्वारा 16 राइस मिलर्स सहित 27 लोगों पर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस तरह के घोटाले में सबसे ताज्जुब वाली बात यह सामने आ रही है कि राइस मिलर्स द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर वाहनों के जो नंबर दर्ज कराए गए हैं वो किसी ट्रक के नहीं बल्कि ऑटो और स्कूटर के निकले।

अब सोचने वाली बात यह है कि दो लाख 45 हजार 4 सौ क्विंटल धान का परिवहन इन दो किस्म के छोटे वाहनों में कैसे हो सकता है वह भी 1033 फेरों में...? विभाग को तो इस बात की शंका है कि धान का परिवहन हुआ ही नहीं है और अच्छी धान रखकर बाजार से घटिया चावल की खरीदी कर ली गई।

जिससे मिलर्स को परिवहन का खर्चा तो बचा ही, साथ ही अच्छी क्वाॅलिटी की मिलिंग भी नहीं करनी पड़ी। हालांकि इस मामले में पुलिस अब इस स्तर पर जांच कर रही है।

समितियों से उठवानी थी धान| बताया जाता है कि इन मिलर्स को जिले की करीब 58 धान खरीदी समितियों से धान का परिवहन करना था मगर जिस तरह से पोर्टल पर फर्जी नंबर दर्ज कराए गए हैं उससे तो यहीं शंका पैदा हो रही है कि इनके द्वारा परिवहन किया ही नहीं गया है।

यह है मामला

जिला प्रशासन की टीम ने धान खरीदी के मामले में हुए घोटाले को उजागर किया है। पुलिस में दर्ज कराई एफआईआर में जांच दल द्वारा जांच करके कुल 2,45,400 क्विंटल धान का प्रतिवेदन सौंपा गया था। जिसमें पाया गया 58343 क्विंटल धान का परिवहन मान्य हुआ है। इसके अलावा 1,87,026 क्विंटल धान का परिवहन करके हेराफेरी कर दी गई है। जिनमें से 16 ऐसे मिलर्स हैं जिन्होंने 1 करोड़ से ज्यादा की धान खपाई है, तो वहीं 27 ऐसे मिलर्स है जिन्होंने 1 करोड़ से कम की धान खपाई है।

जानकारी के अनुसार कुल 243 फर्जी वाहनों से 1033 ट्रिप में 2,45,400 क्विंटल धान का परिवहन किया गया है, जो कि राइस मिलर्स ने खपा दी है। वहीं जिला प्रशासन की जांच के बाद क्राइम ब्रांच ने नान डीएम समेत 16 राइस मिलर्स, 12 अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस पूरे मामले की जानकारी जिला प्रशासन द्वारा शासन को भेज दी गई है। मिलर्स की जांच के लिए विभाग के एमडी को पत्र भी लिखा गया है।

इन तीन बिंदुओं पर जांच से हुआ खुलासा

जो वाहन पोर्टल पर दर्ज किए गए वे ऑटो और स्कूटर निकले।

ट्रक में 433 क्विंटल का परिवहन होना बताया जबकि 250 क्विंटल से अधिक नहीं हो सकता।

ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज ट्रकाें के नंबर फर्जी पाए गए।

Created On :   12 July 2025 6:01 PM IST

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