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Jabalpur News: बिना डॉक्टरों के चल रहा था हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक के भतीजे का डायग्नोस्टिक सेंटर

- शिकायत पर संयुक्त टीम ने मारा सुप्रा डायग्नोस्टिक्स और कॉस्मेटिक क्लब क्लीनिक पर छापा
- बिना पंजीयन के चल रहा था स्किन क्लीनिक, अग्निसुरक्षा के नहीं थे इंतजाम, जांच के दौरान मिलीं गंभीर अनियमितताएं
Jabalpur News: गंभीर अनियमितताएं मिलने के बाद गोलबाजार स्थित सुप्रा डायग्नोस्टिक सेंटर और इसके अंतर्गत कॉस्मेटिक क्लब क्लीनिक को प्रशासन-पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई के बाद सील कर दिया गया। बताया जा रहा है कि सेंटर का संचालन हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक के भतीजे शहबाज खान द्वारा किया जा रहा था। जांच टीम दोपहर करीब 3 बजे सेंटर पहुंची और 6:30 बजे तक मौजूद रही।
जांच के दौरान मौके पर काेई डॉक्टर और पैथोलॉजिस्ट नहीं मिले, बल्कि पूरा काम नॉन मेडिकल स्टाफ द्वारा किया जाना पाया गया, वहीं स्किन क्लीनिक बिना किसी पंजीयन के संचालित किया जा रहा था। निरीक्षण में पाई गई गंभीर अनियमितताओं एवं विधिसम्मत संचालन के अभाव को देखते हुए, सुप्रा डायग्नोस्टिक एवं कॉस्मेटिक क्लब क्लीनिक को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया।
प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इधर सेंटर संचालक शहबाज खान को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है। सीएसपी ओमती सोनू कुर्मी का कहना है यह सेंटर शहबाज खान के नाम पर है, जाे कि लंबे समय से फरार है। उसकी खोजबीन की जा रही है।
गोपनीय रखी जांच, अधिकारियों को भी बाद में बताया
बताया जा रहा है कि सेंटर पर कार्रवाई को गोपनीय रखा गया। विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भी पूर्व सूचना नहीं दी गई, बल्कि मौके पर पहुंचने के बाद कार्रवाई के लिए चिन्हित सेंटर के बारे में बताया गया।
कार्रवाई एसडीएम अधारताल पंकज मिश्रा के नेतृत्व में की गई, जिसमें नर्सिंग होम नोडल अधिकारी डॉ. आदर्श विश्नोई, तहसीलदार अधारताल संदीप जायसवाल, सीएसपी रितेश कुमार शिव, थाना प्रभारी नवल आर्य, नगर निगम सहायक यंत्री संजय वर्मा, जूनियर साइंटिस्ट आरके जैन, फायर ऑफिसर कुशाग्र ठाकुर, रेडियोलॉजिस्ट डॉ. पुष्पराज भटेले, डीएचओ डॉ. राकेश व्यास, डीएचओ-2 डॉ. जया श्रीवास्तव, पैथोलॉजिस्ट डॉ. राकेश सागरिया, रेडियोलॉजिस्ट डॉ. डी.के. कोंडिया मौजूद रहे।
अग्निसुरक्षा के मानकों का उल्लंघन-
अग्निशमन विभाग दल द्वारा भवन की आपातकालीन निकासी व्यवस्थाओं एवं अग्निशमन स्थापनाओं का निरीक्षण किया गया। जिसमें कई तरह की अनियमितता मिलीं। जो कि राष्ट्रीय भवन निर्माण संहिता में फायर एंड लाइफ सेफ्टी अंतर्गत अग्नि सुरक्षा के लिए आवश्यक मापदंड का उल्लंघन है।
गंभीर मरीजों का हो रहा था सीटी स्कैन-
जांच के दौरान ही कई ऐसे मरीज आए जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे और सीटी स्कैन के लिए पहुंचे थे। इन मरीजों का सीटी स्कैन के दौरान अगर स्वास्थ्य बिगड़ता तो कोई डॉक्टर मौके पर नहीं था।
निरीक्षण में पाई गईं प्रमुख अनियमितताएं
• पंजीकृत चिकित्सकों की अनुपस्थिति- रेडियोलॉजिस्ट एवं पैथोलॉजिस्ट मौके पर उपस्थित नहीं थे।
• अप्राधिकृत पैथोलॉजी सेवाएं- डॉ. अमिता गुप्ता एवं डॉ. अनिल गुप्ता के नाम से रिपोर्ट डिजिटल साइन की जा रही थी, परंतु उनकी उपस्थिति एवं वैध नियुक्ति का कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं था।
• रेडियोलॉजिकल सेवाओं में अनियमितताएं– सोनोग्राफी, सीटी स्कैन एवं एमआरआई जैसी सेवाएं बिना किसी विशेषज्ञ (न्यूनतम एमबीबीएस) डॉक्टर की उपस्थिति में संचालित की जा रही थीं।
• रेडिएशन सुरक्षा का अभाव - रेडिएशन से सुरक्षा हेतु निर्धारित मानकों के अनुरूप कोई संरचना अथवा उपाय मौजूद नहीं था।
• बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन में कमी- संस्थान में कचरा संग्रहण एवं निपटान के लिए आवश्यक उपकरण और व्यवस्थाएं अनुपस्थित थीं।
• गैर-चिकित्सकीय व्यक्तियों द्वारा संचालन- संपूर्ण संस्थान का संचालन नॉन-मेडिकल व्यक्तियों द्वारा किया जा रहा था, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
Created On :   12 July 2025 6:08 PM IST